- छातापुर पेट्रोल पंप के समीप दूध लदे टैंकर ने दो दुकानों को किया था क्षतिग्रस्त, सामंजस्य से निपटारे का हो रहा प्रयास
सुपौल। एस एच-91 किनारे छातापुर बाजार से दक्षिण पेट्रोल पंप के समीप गुरुवार की रात गलत साइड जाकर अनियंत्रित हो दुकान में घुसे दूध लदे टैंकर मामले में घटना के 36 घंटा बीतने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई सिफर है। फिलहाल टैंकर क्षतिग्रस्त दुकानों में फंसा है और स्थानीय थाने से घटना स्थल पर चौकीदार रूपेश कुमार को तैनात किया गया है। इस बीच आपसी सामंजस्य के लिए टैंकर मालिक व उनके सहयोगियों के साथ बैठकों का दौर जारी है।
पीड़ित गृहस्वामी सुरेश मुखिया ने बताया कि गुरुवार की आधी रात को वे अपने चूड़ा मिल में थे जब दूध लदे टैंकर ने उनकी दुकान को तोड़ते हुए पड़ोस के बिरेंद्र दास की दुकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। बताया कि घटना के समय नाबालिग खलासी को टैंकर चला रहा था और चालक सोया हुआ था। कहा कि घटना की सूचना पर थाने से पुलिस पहुंची और मौके से चालक व खलासी को थाने ले गई। लेकिन सुबह होते ही दोनों को छोड़ दिया और स्थल पर चौकीदार को तैनात कर दिया गया। कहा कि इसके बाद स्थानीय चंद लोगों की मध्यस्थता में सामंजस्य के लिए टैंकर मालिक के साथ बैठकों का दौर चला जिसमें क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख 75 हजार पर बात तय हुई है। लेकिन उन्हें और दूसरे पीड़ित दुकानदार को कुछ भी प्राप्त नहीं है। कहा कि इस बीच थाने से स्थल पर तैनात किए गए चौकीदार को एक अन्य चौकीदार के हाथ टैंकर की चाबी भेजी गई और टैंकर को बाहर निकालने की बात कही जा रही है।
सूत्र बताते हैं कि थाने से टैंकर को मुक्त करने की झंडी मिल चुकी है और सारा मामला तय हो चुका है इसलिए कार्रवाई की गाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रही है। बताया जा रहा है कि टैंकर पर 18 हजार लीटर दूध लदा था जिसे शुक्रवार को ही अनलोड कर दूसरे टैंकर से ढो लिया गया था। शनिवार को देर रात तक मामले की लीपापोती का प्रयास चल रहा था और सामंजस्य के बाद आपसी सहमति के आधार पर टैंकर को मुक्त कर दिया जाएगा। मामले का रोचक पहलू यह है कि सरेआम स्टेट हाइवे किनारे हुई घटना के मामले को 36 घंटे बीतने के बावजूद कार्रवाई का नहीं होना पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है।


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