सुपौल। व्यवहार न्यायालय सुपौल में पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह निरीक्षी न्यायाधीश राजीव रॉय की ऑनलाइन उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस कॉन्फ्रेंस में न्यायिक पदाधिकारी, पुलिस अधिकारी और जिले के सभी थानाध्यक्ष शामिल हुए। न्यायमूर्ति राजीव रॉय ने वादों के त्वरित निष्पादन और त्वरित न्याय प्रक्रिया पर बल दिया। उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समय पर सर्विस रिपोर्ट, एग्जीक्यूशन रिपोर्ट और तामिला न्यायालय में समर्पित करें।
उन्होंने अधिवक्ताओं से अपील की कि वे अनावश्यक स्थगन की मांग से बचें और न्याय प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने में सहयोग करें। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनंत सिंह ने बताया कि माननीय न्यायमूर्ति के निर्देशानुसार प्रत्येक न्यायालय द्वारा 20-20 वाद चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें 31 मार्च 2025 तक हर हाल में निपटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी थानाध्यक्षों से निर्देश दिया कि वे आवश्यक रिपोर्ट समयबद्ध तरीके से प्रस्तुत करें।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि यह बैठक न्यायालय और पुलिस प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने और नागरिकों को त्वरित न्याय प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राहुल उपाध्याय, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय निशिकांत ठाकुर, सीजेएम डॉ. राजेश सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सुदीप पांडे, एसपी शैशव यादव, और एसडीपीओ आलोक कुमार सहित अन्य न्यायिक और पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे।
कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य न्याय प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करना, लंबित वादों का शीघ्र निपटारा करना, और सुलभ एवं सुदृढ़ न्याय प्रणाली सुनिश्चित करना था। इस अवसर पर न्यायमूर्ति राजीव रॉय ने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निष्पादन समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से करने का निर्देश दिया।
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