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माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ लोन माफी आंदोलन तेज, किया प्रदर्शन



सुपौल। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा वसूली के नाम पर गरीबों का शोषण किए जाने के विरोध में रविवार को सनपताहा गांव में लोन माफी आंदोलन के तहत संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में दर्जनों कर्ज से दबे परिवारों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि जब तक लोन माफ नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

संकल्प सभा को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियां गरीबों की खून-पसीने की कमाई पर डाका डाल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कंपनियां गरीब महिलाओं को ₹25,000 से ₹2,00,000 तक का लोन देकर 12% से 36% तक का भारी ब्याज वसूलती हैं।

डॉ. अमन ने कहा कि फाइनेंस कंपनियों के स्टाफ कर्जदारों के साथ डाकू, रंगदार और दबंगों की तरह पेश आते हैं। वे गरीबों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। आए दिन गाली-गलौज और धमकियों का सिलसिला चलता रहता है। उन्होंने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) इस अन्याय पर चुप क्यों हैं? सरकार को इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

सभा में आंदोलन के नेतृत्वकर्ता डॉ. कुमार ने कहा कि गरीब परिवार कर्ज के बोझ से घर छोड़ने को मजबूर हैं। ऋण के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और कई परिवार आत्महत्या तक करने को विवश हैं। ऐसी परिस्थिति में गरीबों की कर्ज मुक्ति उनका हक है और सरकार को जल्द से जल्द लोन माफी की घोषणा करनी चाहिए।

डॉ. अमन कुमार ने बताया कि RBI के फेयर प्रैक्टिस कोड के तहत कोई भी बैंक या फाइनेंस कंपनी कर्जदार से दुर्व्यवहार नहीं कर सकती। वे न तो किसी को शर्मिंदा कर सकते हैं, न धमकी दे सकते हैं, और न ही गाली-गलौज कर सकते हैं। लेकिन इसके बावजूद फाइनेंस कंपनियां नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि RBI के नियमों के अनुसार कोई भी बैंक या रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकता है, लेकिन कई बार कर्जदार महिलाओं को रात 12 बजे भी फोन कर गालियां दी जाती हैं। यह पूरी तरह से अन्याय है और इस पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

डॉ. कुमार ने बताया कि अगर कोई माइक्रो फाइनेंस कंपनी या बैंक नियमों का उल्लंघन करता है, तो इसकी शिकायत पुलिस, सिविल कोर्ट या RBI से की जा सकती है। उन्होंने सभी पीड़ित परिवारों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ें और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।

इस संकल्प सभा में कमलेश्वरी सादा, रामनारायण साह, मुकेश यादव, पूजा देवी, छेदनी देवी, बसंत राम, बृजलाल शर्मा, सुनीता देवी, गीता देवी, ललित देवी, रीता कुमारी, लाल बहादुर साह, बबली देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने भाग लिया। सभा के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि जब तक गरीबों को ऋण से मुक्ति नहीं मिलेगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

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