सुपौल। बिहार के सरकारी स्कूल शिक्षण पद्धति में बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब बच्चों को पारंपरिक तरीकों की जगह गतिविधि आधारित शिक्षा (Activity-Based Learning - ABL) के जरिये पढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। इसी क्रम में सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय कटहारा खतवे टोला के कक्षा 9वीं-10वीं के गणित शिक्षक चंदन कुमार झा का राज्य स्तरीय चयन हुआ है। इस उपलब्धि से विद्यालय में हर्ष का माहौल है।
बिहार के गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी विषयों के कुल 60 शिक्षकों का चयन इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए किया गया है। प्रत्येक विषय से 15-15 शिक्षक शामिल किए गए हैं, जिन्हें भुवनेश्वर (उड़ीसा) स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (एनसीईआरटी) में गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण मिलेगा।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ये सभी शिक्षक "रिसोर्स पर्सन" के रूप में कार्य करेंगे और अपने जिले के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। इससे राज्य भर में शिक्षण तकनीकों में सुधार आएगा और विद्यार्थियों को रोचक एवं प्रभावी तरीके से सीखने का अवसर मिलेगा।
क्या है गतिविधि आधारित शिक्षा
गतिविधि आधारित शिक्षा (एबीएल) एक आधुनिक शिक्षण तकनीक है, जिसमें कक्षा के अंदर व्यावहारिक, खेल-आधारित और अनुभवात्मक गतिविधियों के जरिये पढ़ाया जाता है। इससे छात्र विषयों को बेहतर तरीके से समझते हैं और उनकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होती है। खासकर गणित और विज्ञान जैसे विषयों को तर्क और प्रयोग आधारित तरीके से सिखाने में यह पद्धति कारगर साबित होती है।
विद्यालय में खुशी का माहौल
चंदन कुमार झा के चयन की खबर मिलते ही विद्यालय परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई। प्रधानाध्यापक, शिक्षकों और छात्रों ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह प्रशिक्षण छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा और भविष्य में उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
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