सुपौल। समाहरणालय स्थित सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलेभर की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि गत वर्ष के बाढ़ प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि, जैसे नाव/नाविक शुल्क और गृह क्षति मुआवजा का लंबित भुगतान हर हाल में दो दिनों के भीतर पूरा किया जाए। इस कार्य के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी और अंचल अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
जिलाधिकारी ने सभी अंचल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ शरण स्थल और सामुदायिक रसोई केंद्रों का समय से पूर्व निरीक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, ताकि आपात स्थिति में कोई व्यवधान न उत्पन्न हो।
बैठक में जी.आर. (ग्रेस रिलीफ) से संबंधित डाटा का अद्यतन कार्य शीघ्र प्रारंभ करने और आपदा संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा का वार्ड स्तर पर भौतिक सत्यापन करने के निर्देश भी दिए गए। यह कार्य अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अंचल अधिकारियों की निगरानी में कराया जाएगा।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त सारा अशरफ, आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता राशीद कलीम अंसारी, अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल एवं निर्मली, भूमि सुधार उप समाहर्ता सुपौल, निर्मली एवं वीरपुर, आपदा प्रभारी चंद्रभूषण कुमार तथा अंचल अधिकारीगण सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़-भपटियाही, निर्मली, मरौना, बसंतपुर सहित अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित थे।
बैठक का उद्देश्य आगामी संभावित बाढ़ से पहले सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लेना था, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
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