सुपौल। छातापुर मुख्यालय बाजार स्थित बाबा छत्रपुरेश्वर नाथ शिवालय सह महावीर मंदिर परिसर में शनिवार को संतमत सत्संग का भव्य आयोजन किया गया। एक दिवसीय इस आध्यात्मिक कार्यक्रम की शुरुआत स्तुति–विनती के साथ हुई, जिसके बाद स्वामी सुशीलानंद बाबा ने भक्तों को संबोधित करते हुए प्रवचन दिया।
स्वामीजी ने अपने प्रवचन में मनुष्य जीवन के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सच्चाई और अच्छाई के मार्ग पर चलकर ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। स्वामीजी के अनुसार, मनुष्य के भीतर बसे घृणित पाँच विषय काम, क्रोध, लोभ, मोह और मद के कारण वह पंच पाप का भागीदार बन जाता है। इनका त्याग करने वाले ही सच्चे साधु-संत कहलाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य का शरीर अधम माना गया है, लेकिन सद्गुणों और सत्संग के प्रभाव से इसे भी पवित्र बनाया जा सकता है। स्वामीजी ने बताया कि जिस घर में साधु-संतों का आगमन होता है, वहाँ 33 करोड़ देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए संतों की वाणी को सुनना और उसे जीवन में उतारना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है, जिससे जीवन सुखद और शांतिमय बन सकता है।
सत्संग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उपस्थित लोगों में राजेंद्र साह, अरविंद भगत, धनिलाल मलाकार, राजो साह, उषा देवी, भागवती देवी, रीता देवी, गीता देवी, अर्चना देवी, अरविंद साह सहित अन्य श्रद्धालु शामिल थे।

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