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त्रिवेणीगंज : पौधारोपण कर मनाया विश्‍व पर्यावरण दिवस, लोगों को जागरूक करने का लिया संकल्‍प




सुपौल। राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय इकाई अनूपलाल यादव महाविद्यालय त्रिवेणीगंज के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयदेव प्रसाद यादव की अध्यक्षता में एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी सह जिला नोडल पदाधिकारी प्रो विद्यानंद यादव द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए जागरूकता हेतु संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 


प्राचार्य महोदय ने बताये कि दुनियाभर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को सचेत करने और इसके महत्व को समझाने के लिए प्रत्येक वर्ष 5 जून को विस्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी का वह भाग जिस पर हम लोग रहते हैं, जहां सांस लेते हैं,जहां जल ग्रहण करते हैं,जहां तक वायु है,हमारा पर्यावरण है।प्रकृति हमारा जीवन है।पेड़ पौधे के बिना धरती पर जीवन संभव नहीं है।पर्यावरण सुरक्षा वास्ते वृक्षारोपणआवश्यक है।मानव द्वारा बढ़ते हुए ध्वनि,जल,वायु, लाइट प्रदूषण और अंधाधुंध जंगल,पेड़-पौधे काटे जाने के कारण  वायुमंडल में कार्बनडाइ ऑक्साइड का मात्रा बढ़ रहा है। हमारा पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है।जंतु को स्वसन क्रिया के लिए ऑक्सीजन पेड़-पौधों से मिलता है।धरती पर जीवन का अस्तित्व बचाने के लिए पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है।स्वयंसेवक  को चाहिए कि स्वयं के साथ अन्य को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करें तथा प्रदूषण रोकने का उपाय बताते हुए पर्यावरण को स्वच्छ बनावें। 


कार्यक्रम पदाधिकारी सह जिला नोडल पदाधिकारी प्रो. विद्यानंद यादव ने बताया कि मनुष्य विकास और आधुनिकता की दौड़ में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।मानव अपने दिनचर्या की पूर्ति के लिए अंधाधुंध रो मटेरियल के प्रयोग कर रहे हैं।डीजल,पेट्रोल तथा अन्य पर्यावरण प्रदूषित करने वाले वाहन के संचालन और पेड़- पौधे,जंगल कट जाने से हमारा पर्यावरण प्रदूषित होकर पृथ्वी का तापमान बढ़ा रहा है,जिस कारण से ग्लोबल वार्मिंग,ओजोन लेयर फटने से एसिड वर्षा जैसे खतरा जीवन के अस्तित्व मिटाने के लिए महाप्रलय बनकर सामने खड़ा है।  कभी बाढ तो कभी सुखाड़। कभी बादल फट रहा है,तो कहीं धरती पर पानी सूख रहा है।जल का लेयर नीचे जा रहा है।कहीं जमीन आग उगल रहा है।वर्तमान में अंटार्टिका का पिघलता हुआ ग्लेशियर पृथ्वी पर प्रलय का सबसे बड़ा खतरा है।



जलवायु परिवर्तन के कारण यह सब देखने को मिल रहा है।पृथ्वी वासियों को ऐसी बीमारियां हो रही है जो ना पहले कभी देखा गया और ना ही सुना गया।पशु पक्षियों का अंधाधुंध शिकार करने से और जंगल कट जाने से एवं पर्यावरण प्रदूषित होने के कारण कई प्रजाति के जीव विलुप्त हो चुके हैं और कई प्रजाति के अस्तित्व खतरे में है।धरती पर से किसी जंतु की प्रजाति के अंत होने पर उसका असर संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ता है।विश्व पर्यावरण दिवस-2024 का थीम है। लैंड रेस्टोरेशन,डिजरटिफिकेशन एंड डाउट रेसिलियंस"रखा गया है। मरुस्थल और सुखा से निपट कर भूमि का पुनर्स्थापन कर हम सब पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए। आधुनिक युग के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस के अनुसार पृथ्वी का अस्तित्व खतरे में है।मनुष्य इस पृथ्वी पर 10 लाख वर्ष बिता चुके हैं।प्रदूषण नहीं रोका गया तो महाप्रलय सुनिश्चित है।मनुष्य प्रजाति को बचाने के लिए मनुष्य को अन्य ग्रह या उपग्रह पर शरण लेना होगा।वर्तमान में कोई अन्य ग्रह या उपग्रह  जीवन के लायक उपयुक्त नहीं है।इससे यह समझा जा सकता है कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 5 जून 1972 को 119 देशों के साथ सर्वप्रथम विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।तब से प्रत्येक 5 जून को हम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा वास्ते प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।स्वयंसेवकों को चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा हेतु कारगर उचित उपाय सोचे और लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें।
पर्यावरण संरक्षण वास्ते महाविद्यालय परिसर में प्राचार्य महोदय,कार्यक्रम पदाधिकारी एवं एनएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया।

कार्यक्रम में आई क्यू ए सेल समन्वयक प्रो.अशोक कुमार,प्रो.अरुण कुमार,प्रो.सुरेंद्र प्रसाद यादव,डॉ.अरुण कुमार,प्रो. कमलाकांत यादव,प्रो.सूर्यनारायण यादव,प्रो. सुरेंद्र कुमार,प्रो.कमल किशोर यादव,प्रो.कुलानंद यादव,द्वितीय इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो.कुमारी पूनम,तृतीय इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो.शंभू यादव तथा अन्य एवं शिक्षकेतर कर्मचारीगण गगन कुमार, दिग्दर्शन उर्फ राजू , कुमारअनुपम तथा अन्य एवं एनएसएस के स्वयंसेवक प्रिया राज,आकांक्षा, रूपम कुमारी,सुमन कुमारी,आरती कुमारी,मनीषा कुमारी,कोमल कुमारी,रंभा कुमारी,पूनम कुमारी,कंचन कुमारी,गुड़िया कुमारी,शानू शर्मा, सोनी कुमारी,रेणु कुमारी,नेहा कुमारी, लवली कुमारी,यशिका कुमारी,काजल कुमारी,सिमरन कुमारी,रुबी कुमारी,श्वेता जैन, सिया कुमारी,कृष्णा कुमारी, शिवानी साक्षी,अनुप्रिया कुमारी, खुशबू कुमारी,प्रियंका कुमारी, नीतू कुमारी,निशा भारती,खुशबू कुमारी,निशा कुमारी,विनीता कुमारी,सोनी कुमारी,प्रियंका कुमारी,मनीषा कुमारी,निभा कुमारी, पूजा कुमारी,ज्योति कुमारी तथा अन्य  संगोष्ठी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

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