सुपौल। भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी 45वीं बटालियन की सीमा चौकी शैलेशपुर के जवानों और मानव तस्करी रोधी इकाई ने शुक्रवार सुबह एक 4 वर्षीय नाबालिग बच्ची को मानव तस्करी से बचाया। बच्ची को नेपाल से भारत लाया जा रहा था, लेकिन एसएसबी ने कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी समीर अहमद को हिरासत में ले लिया।
एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट जगदीश कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि अंतर्राष्ट्रीय पिलर संख्या 206/1 के पास स्थित शैलेशपुर सीमा चौकी पर शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे एक व्यक्ति को 4 वर्षीय बच्ची के साथ नेपाल से भारत आते हुए रोका गया।
पूछताछ में व्यक्ति ने खुद को समीर अहमद (निवासी- जम्मू-कश्मीर) बताया। जांच में खुलासा हुआ कि समीर अहमद ने 7 साल पहले नेपाल निवासी नबिश बेगम से शादी की थी, लेकिन बाद में दंपति के बीच विवाद बढ़ गया। नबिश बेगम ने अपने पति से अलग होकर दूसरा निकाह कर लिया और नेपाल में रहने लगी। समीर अहमद अपनी 4 वर्षीय बेटी मुस्कान को जबरन लेकर जम्मू-कश्मीर भागने की फिराक में था।
जांच में यह भी सामने आया कि नबिश बेगम की मां बसरीन खातून (उम्र 66, निवासी- कुशहा वार्ड-03, थाना-लौकही, जिला-सुनसरी, नेपाल) ने जबरन अपनी बेटी की शादी कराई थी। एसएसबी ने पूछताछ के लिए बसरीन खातून को भी बुलाया और जबरन शादी कराने के जुर्म में उसे भी हिरासत में ले लिया।
एसएसबी ने समीर अहमद और बसरीन खातून को गिरफ्तार कर 4 वर्षीय बच्ची मुस्कान को सुरक्षित बचा लिया। इसके बाद सभी को आगे की कार्रवाई के लिए भीमनगर पुलिस को सौंप दिया गया। एसएसबी के अधिकारियों ने मानव तस्करी को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने की बात कही है और आम लोगों से अपील किया कि यदि उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।
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