सुपौल। राज्य स्तरीय डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं प्रोग्रामर संघ के आह्वान पर शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर सुपौल जिले में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। जिले के प्रखंड कार्यालयों से लेकर जिला मुख्यालय तक सरकारी कार्यों की गति थम गई है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल के कारण जनकल्याणकारी योजनाओं की ऑनलाइन फीडिंग, प्रमाण पत्र निर्गमन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, छात्रवृत्ति वितरण, तथा खाद्यान्न वितरण जैसी आवश्यक सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। अपने कार्यों के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मायूस होकर लौट रहे हैं।
हड़ताल का असर परिवहन, कोषागार (ट्रेजरी), आपदा प्रबंधन, निर्वाचन, जिला कार्यक्रम कार्यालय और समाज कल्याण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों पर भी साफ देखा जा रहा है। इन कार्यालयों में सन्नाटा पसरा हुआ है और फाइलें अटकी पड़ी हैं।
मनरेगा, राजस्व, जन वितरण प्रणाली और पशुपालन विभाग के कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे सरकारी तंत्र की कार्यक्षमता ठप हो गई है।
हड़ताल पर बैठे कर्मियों ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में सेवा का स्थायीकरण, समान वेतनमान और सेवा शर्तों में सुधार शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
हड़ताल स्थल पर शैलेन्द्र कुमार, गुंजन कुमार यादव, संतोष कुमार, दिलीप कुमार, पप्पु कुमार, अमित कुमार, चंदन कुमार सिंह, माघव कुमार, अरुण कुमार, नंदलाल कुमार, रोशन कुमार, इंद्रजीत कुमार और संतोष कुमार सहित कई कर्मी डटे हुए हैं। सभी ने सरकार से जल्द उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने की अपील की है।
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