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लकड़ी विवाद में हत्या मामले में पति-पत्नी व पुत्री को उम्रकैद की सुनाई गयी सजा

  • राघोपुर थाना क्षेत्र के इमामगंज की घटना, कोर्ट ने सुनाया फैसला


सुपौल। करीब पांच वर्ष पूर्व लकड़ी विवाद को लेकर हुए हत्या मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सुनील कुमार तृतीय की अदालत ने दोषी करार दिए गए पति-पत्नी और उनकी बेटी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला राघोपुर थाना कांड संख्या 208/2020 एवं जनहित सत्र वाद संख्या 208/2022 से जुड़ा है।

घटना राघोपुर थाना क्षेत्र के इमामगंज गांव की है, जहां वर्ष 2020 में मनोज कुमार की हत्या कर दी गई थी। घटना के संबंध में मृतक के पिता अयोधी यादव ने गांव के ही विजेन्द्र यादव, उनकी पत्नी किरण देवी और पुत्री रिंकू कुमारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

प्राथमिकी के अनुसार, अयोधी यादव ने निजी जमीन पर खड़ा शीशम का पेड़ एक व्यापारी को बेचा था। लकड़ी काटने के बाद उसका एक टुकड़ा विजेन्द्र यादव के दरवाजे के पास गिर गया। जब मजदूर उसे उठाने गए, तो विजेन्द्र यादव ने मना कर दिया। इसी विवाद में मनोज यादव बातचीत के लिए विजेन्द्र यादव के घर गया, जहां गाली-गलौज और मारपीट की गई। इस दौरान विजेन्द्र यादव ने फरसा से हमला कर मनोज को गंभीर रूप से घायल कर दिया। पिता अयोधी यादव जब बेटे को बचाने दौड़े, तो उन्हें भी पीटा गया। इलाज के दौरान 9 अक्टूबर 2020 को मनोज की मौत हो गई।

मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने तीनों अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना, जुर्माना नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास, धारा 307/34 के तहत 10 वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा सुनाई है। साथ ही, किरण देवी को धारा 379 के तहत दोषी मानते हुए एक वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रुपये का जुर्माना भी सुनाया गया है।

कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और अभियुक्तों द्वारा पूर्व में जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव रंजन ने पैरवी की, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता नागेन्द्र नारायण ठाकुर ने अदालत में दलीलें रखीं।

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