- 21 जुलाई को मनेगा सुपौल में महर्षि वेदव्यास जयंती, समारोह की सफलता को लेकर हुई बैठक
सुपौल। महर्षि वेदव्यास सह भीम केवट राज्यारोहन समारोह आयोजन समीति की एक बैठक मुख्यालय स्थित ब्रह्म स्थान भेलाही में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो रामचन्द्र प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जोश-खरोश से महर्षि वेदव्यास और लोकदेव भीम-केवट राज्यारोहन समारोह संयुक्त रूप से आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन 21 जुलाई को मनाने का निर्णय लिया गया।कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्रो मंडल को सर्व सम्मति से आयोजन समिति का अध्यक्ष बनाये गये।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रो रामचन्द्र प्रसाद मंडल ने कहा कि ढाई-तीन हजार वर्षों के बाद भी व्यासदेव की प्रासंगिकता आज भी समसामयिक है। वे नहीं होते तो आज जिस सामाजिक और राष्ट्रीय चरित्र बल को हम देखते हैं, जिस संस्कारिक और अनुसाशित मनुष्य बल पर गर्व करते हैं क्या वह रहता? वस्तुतः इनके जड़ में व्यास प्रणित वेद, पुराण, महाभारत और भागवत गीता जैसे महान् ग्रंथ है। ऐसी मान्यता है कि विश्व साहित्य में इतना बड़ा कवि न हुआ है और न होगा (न भुतोः न भविष्यती)। वेद व्यास जी का जन्म यमुना किराने एक द्वीप में आषाढी पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसीलिए आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन पूरे भारत में व्यास जयंती गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परम्परा है।
लोकदेव भीम केवट पाल वंश के अय्यासी और भ्रष्टाचार में आकंठ में डूबे राजा के विरूद्व उठ रहे जनविरोध का नेतृत्व किया। उन्होंने समस्त केवट उपजातियों को संगठित कर राजा पर धावा बोल दिया और महिपाल को परास्त कर जन स्वकृक्ति से भीम-केवट सिंघासनारूढ़ हो गये। उन्होंने कामतापुर (पश्चिम बंगाल) को राजधानी बनाकर राजकाज के साथ धर्म का पताका फहराने लगे जिसके कारण चे कलांतर में लोकदेव के रूप में प्रसिद्ध हुए। हमें इन विभूतीयों के स्मरण मात्र से कोई कल्याण होने वाला नहीं है। हमें इकवाल और पुरुषार्थ के बल पर सामाजिक न्याय और राजनीतिक अधिकार की लडाई लड़नी होगी। हमें गोलबंध होकर क्रांति का बिगूल फुकना होगा। उन्होंने कहा जो जात बिक जाता है वह आगे नहीं बढ़ सकता, क्योंकि उसका जमीर मर जाता है।
नटवर कामत और अजय मंडल ने कहा कि हमें संगठित होकर अधिकार की लड़ाई लड़नी होगी। अधिकार मांगने से नहीं छीनने से मिलती है। प्रो रामचन्द्र प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में 21 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन किया गया। जिसके सदस्य जिला परिषद् दिगम्बर कामत, पूर्व उपमुख्य पार्षद विरेन्द्र कामत, करिहो पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि जयप्रकाश मंडल, विनय मंडल (हरदी), विष्णुदेव मंडल (तुलापट्टी), बद्री मंडल (फुलकाहा), हरिनन्दन मंडल (निर्मली), अजय कुमार मंडल, नटवर कामत, सुपौल नगर परिषद के वार्ड पार्षद राजकिशोर कामत, शिवनंदन कामत, शंकर मंडल, विरेन्द्र मंडल, मिथिलेश मंडल, पार्षद प्रतिनिधि बबलू कामत, विरेन्द्र मंडल, शशिभूषण मंडल, नागेंद्र कामत, बलराम कामत, राजेन्द्र मंडल, प्रो श्यामसुन्दर मंडल शामिल हैं।


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