सुपौल। जिले के पड़ोसी देश नेपाल में हो रही झमाझम बारिश के कारण क्षेत्र में जलप्रलय देखने को मिल रहा है। निर्मली व मरौना अंचल इलाके के 100 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। जिससे सैकड़ों परिवारों के घर जलमग्न हो गये हैं। घरों में बने मिट्टी के चूल्हे, चापाकल व शौचालय तक डूब गए। कोसी तटबंध के भीतर जल तांडव के बीच लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। सबसे अधिक तबाही मरौना प्रखंड के सिसौनी, घोघरिया, बड़हारा पंचायत में देखने को मिला है। यहां कई गांव टापू में तब्दील हो गया है। सरकारी स्तर से अब तक बाढ़ से विस्थापित परिवारों को महज पॉलीथिन सीट बांटी गई है। बाढ़ग्रस्त इलाके के लोगों का कहना है कि चूल्हा-चौका डूबने के कारण घरों में भोजन तक नहीं बन पा रहा है। ऊंचे स्थान पर खुले आसमान के नीचे रहना मुश्किल है। लोगों ने बताया कि वह अपने पड़ोसी की मदद लेकर पानी व भोजन करते हैं। घोघररिया पंचायत में अब तक बाढ़ आश्रय स्थल भवन नहीं होने से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है। कुछ लोग सुरक्षा तटबंध और स्परों पर तंबू बनाकर रहने को मजबूर हैं। अधिकांश लोग घरों में जलभराव के बीच भी रहने को विवश दिखे। बड़हारा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि गांधी कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है। सरकारी स्तर पर केवल पॉलीथिन सीट वितरण की गई है।
सैकड़ों घरों में घुसा बाढ़ का पानी, ऊंचे स्थान की ओर पलायन करने लगे लोग
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