सुपौल। विश्व स्तनपान सप्ताह के सफल क्रियान्वयन हेतु सदर अस्पताल सभागार में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ ललन ठाकुर की अध्यक्षता में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि वैसे बीमार नवजात जो स्तनपान करने में सक्षम नहीं है या बीमारी के कारण मां के द्वारा स्तनपान कराने में समर्थ नहीं है, वैसे नवजात को एक्सप्रेस्ड ब्रेस्ट मिल्क पिलाने के संबंध में जानकारी एवं सहायता प्रदान किया जाना है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान द्वारा ब्रेस्ट फीडिंग पॉलिसी 2021 का उपयोग किया जाना है। कहा कि स्वास्थ्य स्थान के प्रमुख स्थानों पर स्थानीय भाषा में ब्रेस्ट फीडिंग पॉलिसी का आईईसी लगाया जायेगा। वहीं जिला योजना समन्वयक नोडल पदाधिकारी बाल कृष्ण चौधरी के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित स्तनपान के महत्व तथा उन्हें स्वस्थ्य रखने संबंधित विस्तृत जानकारी दी गयी। आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सप्ताह के दौरान अधिक से अधिक माताओं को शिशु के जन्म के एं घंटे के अंदर स्तनपान प्रारंभ करने में मां की सहायता करना तथा गर्भवती माताओं को छह माह तक केवल स्तनपान कराये जाने के महत्व को बताया जाना है। प्रत्येक आशा इस सप्ताह के दौरान माताओं एवं किशोरियों के साथ बैठ कर स्तनपान से होने वाले लाभ एवं स्तनपान के सही तरीके की चर्चा करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्तनपान की रक्षा, बढ़ावा देना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो मिन्नातुल्लाह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सभी प्रखंड स्तर पर आईसीडीएस विभाग से समन्वय कर कार्यशाला आयोजित किया जाना है। प्रखंड स्तरीय हेल्दी बेबी शो का आयोजन कार्यशाला में एसएनसीयू, केएमसी, पीएनसी वार्ड, पीआईसीयू तथा एनआरसी स्टॉफ, ममता एवं भर्ती बच्चे की मां को भाग लिया जाना है। इस मौके पर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक अभिषेक कुमार, सभी स्वास्थ्य प्रबंधक सहित प्रखंड पुनर्वास केंद्र के कर्मी व अन्य लोग उपस्थित थे।
कार्यशाला में गर्भवती माताओं को छह माह तक केवल स्तनपान कराये जाने के महत्व को बताया
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