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सरायगढ़-भपटियाही : ई किसान भवन में रबी महोत्सव सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन




सुपौल। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) सुपौल के सौजन्य से शुक्रवार को ई किसान भवन, सरायगढ़-भपटियाही में प्रखंड स्तरीय रबी महोत्सव सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्र ने की। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड प्रमुख विजय कुमार यादव, उप परियोजना निदेशक आत्मा चंद्र आलोक कुमार, कृषि वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश कुमार राय, प्रभारी कृषि पदाधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्रा और आत्मा प्रखंड अध्यक्ष ज्ञानदेव मेहता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कृषि वैज्ञानिक ने दी वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की सलाह
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश कुमार राय ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खेतों में अलग-अलग फसल लगाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, जिससे फसल की उपज दुगनी हो सकती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराएं और उसी के अनुसार खाद-बीज का प्रयोग करें। डॉ. राय ने कहा कि दलहन और तिलहन की फसलों को भी गेहूं और धान के साथ लगाना चाहिए, क्योंकि ये मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखते हैं। उन्होंने किसानों को गेहूं की बुआई का सही समय (15 से 20 नवंबर) बताया और खाद के प्रयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी।

कृषि विभाग की योजनाओं से किसानों को मिलेगा लाभ
प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्र ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रहा है। उन्होंने वर्मी कंपोस्ट बनाने और उसे खेतों में प्रयोग करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने किसानों को सब्जी की खेती, बकरी पालन, गाय पालन और मुर्गी पालन पर भी जोर दिया।

 
चंद्रप्रकाश मिश्र ने किसानों को गेहूं, मसूर, सरसों के बीजों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और इनकी बेहतर पैदावार के लिए सुझाव दिए। कार्यक्रम में जीविका कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर उषा कुमारी, पंसस रमेश मुखिया, कृषि समन्वयक वीरेंद्र कुमार, एटीएम भगवत प्रसाद यादव, बीटीएम समन अफ्रीन, और अन्य किसान सलाहकार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे और कृषि विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त की। इस आयोजन के माध्यम से आत्मा ने किसानों को नई तकनीकों से अवगत कराया, ताकि वे बेहतर उत्पादन कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें।


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