![]() |
सुपौल। सुपौल न्यायालयों में पीठासीन पदाधिकारियों की कमी के कारण सिविल मामलों की सुनवाई में हो रही देरी को लेकर स्थानीय लोगों ने पीठासीन पदाधिकारी की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय को मांग पत्र भेजा है। भेजे गए पत्र में आवेदकों द्वारा बताया गया कि यहां अवर न्यायाधीश के सात पद सृजित हैं। इनमें सिर्फ दो पदों पर ही पदाधिकारी कार्यरत हैं। अवर न्यायाधीश प्रथम सह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और अवर न्यायाधीश द्वितीय सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की नियुक्ति हुई है। बाकी पांच न्यायालयों में पीठासीन पदाधिकारी नहीं हैं।
इन पांच पदों के रिक्त रहने से सिविल मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। इससे आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय को आवेदन देकर मांग की गई है कि सुपौल न्यायमंडल में रिक्त पदों पर जल्द से जल्द पीठासीन पदाधिकारी की नियुक्ति की जाए। ताकि सिविल मामलों की सुनवाई शुरू हो सके और लोगों को न्याय मिल सके।
मांग करने वालों में जगदीश प्रसाद यादव, शत्रुध्न यादव, मोती पंडित, बद्री नारायण यादव, नीरज कुमार, सरयूग दास, प्रताप सिंह, राजेन्द्र शर्मा, रुद्र प्रताप लाल, बिमलेश कुमार, श्याम प्रकाश आदि शामिल हैं।
कोई टिप्पणी नहीं