सुपौल। सिमराही बाजार स्थित एक होटल परिसर में सोमवार को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा का संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। मिथिला की पारंपरिक शैली में शिक्षकों ने उन्हें शॉल, पाग, माला और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। यह कार्यक्रम उस समय आयोजित किया गया जब श्री झा मधुबनी में एक कार्यक्रम से लौटते हुए सिमराही पहुंचे और इसके बाद अररिया के लिए रवाना हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक परंपरा के अनुसार आचार्य पंडित धर्मेंद्र नाथ मिश्र द्वारा स्वस्तिवाचन मंत्र के उच्चारण से की गई। इस मौके पर अमरेश चौधरी, आशुतोष झा एवं रोहित कुमार झा भी श्री झा के साथ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने कहा कि उनके कार्यकाल में सभी संस्कृत विद्यालयों का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल भवनों का निर्माण, छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था एवं डिजिटल संवाद व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रधानाध्यापकों से संवाद कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सभी शिक्षकों से विद्यालयों के समग्र विकास हेतु व्यक्तिगत योगदान देने का आह्वान भी किया।
इस अवसर पर चंद्रशेखर झा, विजय कांत मिश्र, महाकान्त मिश्र, शुभचन्द्र मिश्र, सत्य नारायण यादव, राजन कुमार झा, जुली अर्पणा, रीतेश कुमार मिश्र, संजय कुमार मिश्र, रतन मिश्र, सुधीर मिश्र, बैद्यनाथ मिश्र, मुकेश कुमार झा, दीपक कुमार, बेचन यादव, जितेंद्र झा, दिनेश्वर पांडेय, राधारमण झा, कमलानंद मिश्र, कौशल मिश्र, संजीव ठाकुर और रमण झा सहित दर्जनों शिक्षक एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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