सुपौल। बिहार राज्य संविदागत अरबन 865 एएनएम संघर्ष समिति के बैनर तले जिले की 8 एएनएम कर्मियों ने सोमवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय में 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस दौरान पूनम कुमारी, शीतल कुमारी, रागिनी कुमारी, अर्चना कुमारी, सोनी कुमारी, सपना कुमारी और कल्पना कुमारी सहित अन्य महिला कर्मी मौजूद थीं।
धरना-प्रदर्शन और मांग पत्र सौंपने की यह प्रक्रिया राज्य समिति के निर्देश पर पूरे बिहार में एकसाथ की जा रही है। एएनएम कर्मियों ने सरकार पर समान कार्य के बदले समान वेतन की नीति लागू न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे लंबे समय से वंचना और भेदभाव का शिकार हो रही हैं।
कर्मियों के अनुसार, जहां राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नियोजित एएनएम को ₹15,000 मानदेय मिलता है, वहीं अरबन संविदा 865 एएनएम कर्मियों को मात्र ₹11,500 मासिक मिल रहा है। इतना ही नहीं, हाल ही में संविदा-2 श्रेणी की एएनएम को 35% मानदेय वृद्धि का लाभ दिया गया, जबकि 865 संविदा एएनएम कर्मियों को इससे भी वंचित रखा गया है।
उन्होंने विभाग की नीति को महंगाई के इस दौर में अन्यायपूर्ण बताते हुए सरकार के "आदर्श नियोजक" होने के दावे को भी कटघरे में खड़ा किया। कर्मियों ने यह भी बताया कि उन्हें सालाना 5% वेतनवृद्धि, दो दिन का प्राकृतिक अवकाश, चिकित्सकीय अवकाश, तथा EPF/ESI जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलतीं।
संघर्ष समिति ने सरकार से जल्द से जल्द इन मांगों पर सकारात्मक पहल करने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन को तेज करने की चेतावनी दी है।
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