- उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की होगी पहचान, उपलब्ध कराई जाएगी चिकित्सकीय सहायता
- प्रसव संबंधित जोखिमों से लोगों को किया जाएगा अवगत, सुरक्षित होंगे गर्भवती महिला और होने वाले शिशु : सिविल सर्जन
- नियमित अंतराल पर गर्भवती महिलाओं का होगा फॉलोअप : डीपीएम
- जटिल गर्भवती महिलाओं को 21 तारीख को किया जाएगा विशेष जांच
पूर्णिया। गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित विशेष प्रयास किया जा रहा है। नवजात शिशु के प्रसव के पूर्व गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु की आवश्यक जांच सुनिश्चित करते हुए लाभार्थियों को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नई शुरुआत की गई है। गर्भवती महिलाओं की शत-प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुनिश्चित करने के लिए अब बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों में 03 प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुनिश्चित किया जाएगा। इससे गर्भवती महिलाओं को नजदीकी अस्पताल में समय पर जांच करते हुए लाभार्थियों को आवश्यक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे गर्भवती महिला और होने वाले शिशु बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रह सकेंगे। जिलाधिकारी अंशुल कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य जाँच नियमित रूप से हो सके जिससे कि जच्चा, बच्चा दोनों स्वस्थ हो और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी हो।
09, 15 और 21 तारीख को होना गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में हर माह के 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता था। स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों को आसानी से जांच सुनिश्चित कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्यक्रम का विस्तार किया गया है। अब गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु की स्वास्थ्य जांच और उपचार उपलब्ध कराने के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रत्येक माह के 03 दिन प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 09, 15 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाएगा ताकि सभी गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच सुनिश्चित करते हुए उच्च जोखिम उठाने वाली गर्भवती महिलाओं को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए गर्भवती महिला और होने वाले शिशु को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सके।
नियमित अंतराल पर गर्भवती महिलाओं का होगा फॉलोअप
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की जाती है। प्रसव पूर्व जांच में गर्भवती महिलाओं का ब्लड शुगर, हाई ब्लडप्रेशर, एनीमिया आदि की जांच करते हुए गर्भवती महिलाओं और होने वाले शिशु की स्वस्थ की जानकारी ली जाती है। जांच के बाद सभी गर्भवती महिलाओं को माँ और होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है जिससे कि प्रसव के दौरान माँ और होने वाले शिशु बिल्कुल स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें।
जटिल गर्भवती महिलाओं को 21 तारीख को किया जाएगा विशेष जांच
जिला कार्यक्रम समन्यवक (डीपीसी) डॉ सुधांशु शेखर ने बताया कि जटिल स्थिति वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष श्रेणी में रख करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 21 तारीख को उनकी विशेष जांच कराई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा नियमित अंतराल पर उच्च जोखिम उठाने वाले गर्भवती महिलाओं का फॉलोअप भी किया जाता है। नियमित जांच और उपचार कराने से प्रसव के उपरांत माँ और नवजात शिशु स्वस्थ्य और सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि माँ और होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि समय से संतुलित आहार एवं अपने भोज्य पदार्थ में विटामिन्स को आवश्यक रूप से शामिल करें। तेल, घी या अन्य मसालेदार खाने से परहेज़ करें। अगर किसी कारणवश बुखार हो जाए तो घबराएं नहीं। प्रतिदिन हल्का व्यायाम जरूर करें ताकि तनाव से दूर रह सकें।
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