सुपौल। पशुओं में संक्रामक बीमारी खुरपका-मुंहपका रोग का खतरा बढ़ गया है। इसमें समय से पशुओं को इलाज नहीं मिला तो उनकी मौत तक हो जाती है। हालांकि इलाज से बेहतर बचाव को मानते हुए टीकाकरण कराकर पशुओं को इन रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है। इसको लेकर बुधवार को प्रखंड के सिमरिया पंचायत में पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग के निदान को लेकर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जिला परिषद सदस्य प्रवेश प्रवीण द्वारा टीकाकरण का शुभारंभ किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि खुरपका मुंहपका विषाणुजनित बीमारी है। यानि एक पशु में रोग होने पर इसके संपर्क में आने वाले दूसरे पशुओं को भी हो जाता है। इस रोगों से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। बताया कि टीकाकरण से पशुओं को इन रोगों से सुरक्षित किया जा सकता है। क्योंकि टीकाकरण से पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने पशुपालकों से अपने सभी पशुओं का टीकाकरण कराने पर जोर दिया। साथ ही पशुशाला की साफ-सफाई रखने की सलाह दी। खुरपका व मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं को तेज बुखार हो जाता है और मुंह से लार निकलने लगता है। इसी के साथ मुंह-खुरों में छाले पड़ जाते हैं। पशु लंगड़ाने लगता हैं। पशुओं की कार्यक्षमता क्षीण हो जाती है। पशु खाना पीना भी कम कर देते है जिसके चलते चंद दिनों में ही कमजोर हो जाते हैं। इस रोग में समय से इलाज नहीं होने पर पशुओं की मौत भी हो जाती है। कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार, सुरेंद्र कुमार, ओम प्रकाश, कुणाल किशोर, कुमार मनजीत, मुकेश कुमार, अनीष कुमार, प्रदीप कुमार, रामचंद्र यादव आदि थे।
त्रिवेणीगंज : खुरपका-मुंहपका रोग से पशुओं के बचाव को लेकर टीकाकरण का किया गया शुभारंभ
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