सुपौल। समाहरणालय परिसर स्थित लहटन चौधरी सभागार मंगलवार को उप विकास आयुक्त सुधीर कुमार की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान-द्वितीय चरण अंतर्गत जन जागरूकता हेतु डिजिटल संचार निगरानी प्रणाली (डीसीएमएस) पर प्रखंड समन्वयकों, डीआरपी एवं स्वच्छता पर्यवेक्षकों के क्षमतावर्धन हेतु दो सत्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ डीडीसी के अलावे जिला समन्वयक सोनम कुमारी, जिला सहालकार सुभाष कुमार आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। पहले सत्र में बसंतपुर, छातापुर, राघोपुर, प्रतापगंज प्रखंड के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। वहीं दूसरे सत्र में मरौना, निर्मली, सरायगढ़, किशनपुर एवं पिपरा प्रखंड के कर्मियों ने भाग लिया। मौके पर स्वच्छता पर्यवेक्षक को सामुदाय के जागरूकता हेतु डीसीएमएस मोबाइल एप्लिकेशन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला के माध्यम से क्षमतावर्द्धन किया गया।
डीडीसी श्री कुमार ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण व लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अंतर्गत सामुदाय को जागरूकता हेतु डीसीएमएस मोबाइल एप्लिकेशन विभाग के द्वारा यूनिसेफ एवं डीएमआई के सहयोग से तैयार किया गया है। कोविड-19 के दौरान सामुदाय से बिना संपर्क किए डिजिटल माध्यम से जागरूकता हेतु तैयार किया गया है। डीएसएमएस मोबाइल एप्लिकेशन के द्वारा स्वच्छता पर्यवेक्षक द्वारा अपने पंचायत के 250 से 300 वैसे परिवारों का सर्वे कर व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया जाना है, जिनके पास स्मार्ट फोन एवं इंटनरेट की सुविधा हो। सर्वे के उपरांत मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से सामुदाय के जागरूकता हेतु विभाग द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से प्राप्त आईईसी संदेश, विडियो को सामुदाय तक पहुंचाना है। ताकि सामुदाय के बीच लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण के विभिन्न अवयवों यथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तरल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, शौचालय का नियमित उपयोग एवं रख-रखाव, ओडीएफ के स्थायित्व इत्यादि की प्रति जागरूक किया जा सके। साथ ही फॉलोअप कॉल कर सामुदाय को भेजे गए संदेश के बारें में फीडबैक लिया जाता है तथा उन्हें अपने परिवारों के बीच व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाता है। स्वच्छता पर्यवेक्षक द्वारा ऐसे परिवारों के घरों का एचएच विजिट किया जाता है कि उनके द्वारा व्यवहार में लाया जा रहा है या नहीं एवं व्यवहार में लाने हेतु प्रेरित किया जाता है।
प्रथम चरण के दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 के चयनित पंचायतों में स्वच्छता पर्यवेक्षक को क्षमतावर्द्धन करते हुए क्रियान्वयन किया गया। विभाग के द्वारा विस्तारित करते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 23-24 के पंचायतों में भी स्वच्छता पर्यवेक्षक का क्षमतावर्द्धन करते हुए डीसीएमएस मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से सामुदाय को जागरूकता हेतु आईईसी गतिविधियों का क्रियान्वयन करने का निर्णय लिया गया है। बताा गया कि सुपौल जिला अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 के कुल चयनित 40 पंचायतों में क्रियान्वयन किया गया है। स्वच्छता पर्यवेक्षक के क्षमतावर्द्धन के उपरान्त वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 23-24 में क्रियान्वयन किया जाएगा।
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