सुपौल। ग्रामीण कार्य विभाग बिहार पटना के विशेष सचिव की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में विभागीय अभियंताओं एवं संवेदकों की एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता-04 (पूर्णिया), अधीक्षण अभियंता (मधेपुरा), सुपौल के तीनों कार्य प्रमंडल – सुपौल, वीरपुर एवं त्रिवेणीगंज तथा मधेपुरा के दोनों कार्य प्रमंडल – मधेपुरा एवं उदाकिशुनगंज के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान योजनाओं की धीमी प्रगति और अनुरक्षण कार्य में लापरवाही बरतने वाले संवेदकों एवं अभियंताओं से स्पष्टीकरण लेने का निर्देश संबंधित कार्यपालक अभियंताओं को दिया गया। विशेष सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि अभियंताओं का स्थल भ्रमण तभी मान्य होगा जब उनके पास "नोट-कैम फोटो" और पूरे पथ का वीडियो पेन ड्राइव में उपलब्ध हो। यह पेन ड्राइव संरक्षित रखना अभियंताओं की व्यक्तिगत जवाबदेही होगी। साथ ही सभी अभियंताओं को अपने क्षेत्र में ही प्रवास करने और प्रवासन प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया गया।
इसी क्रम में "सरकार आपके द्वार" योजना के तहत विशेष सचिव ने 5 अगस्त 2025 को ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, सुपौल के कई पथों का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पीएमजीएसवाई के अंतर्गत दो पुलों की स्थिति की समीक्षा की गई। इनमें से "टी-05 से कदम" पुल का एक पहुँच पथ पिछले वर्ष की बाढ़ में बह गया था, जिस पर दोषी अभियंताओं और संवेदकों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई। वहीं "टी-09 से रामपुर" अर्धनिर्मित पुल की धीमी प्रगति पर भी विशेष सचिव ने निराशा व्यक्त की।
कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, सुपौल ने बैठक में जानकारी दी कि पांच काली सूचीबद्ध पथों की पुनर्निविदा मुख्यालय स्तर से शीघ्र कराई जाएगी।
विशेष सचिव ने जगह-जगह आम जनता से भी ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर फीडबैक लिया। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि वरिष्ठ पदाधिकारियों के नियमित स्थल निरीक्षण जारी रहेंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों को सुगम, सुलभ और अबाध सड़क संपर्कता उपलब्ध हो सके।
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