सुपौल। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवचंद मुखिया टोला सदानंदपुर में बुधवार को एल्बेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा बच्चों को खिलाने से दो दर्जन से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई। घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि बुधवार को आशा कार्यकर्ता और भोलेनटियर द्वारा उत्क्रमित मिडिल स्कूल सदानंदपुर के छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल और फलेरिया की दवा खिलाया गया। दवा खिलाने के आधा घंटा के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। बच्चों को पेट दर्द, उल्टी, चक्कर, बुखार, दस्त आने लगा। इसके बाद स्कूल के शिक्षकों ने इसकी जानकारी बच्चों के परिजनों और बीडीओ और बीईओ को दिया। इसके बाद अधिकारियों ने इसकी सूचना सीएचसी भपटियाही को दी। सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनिवास प्रसाद ने उत्क्रमित मिडिल स्कूल देवचंद मुखिया टोला सदानंदपुर एंबुलेंस भेज कर बीमार बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ भपटियाही में लाकर भर्ती कराया गया। सीएचसी भपटियाही में डॉ तजमुल हुसैन और डॉ अमजद ने सभी बच्चों का जांच किया और जांच के बाद आवश्यक दवाई दी गई। बीमार बच्चों में सोनी कुमारी वर्ग 5, सूरज कुमार वर्ग 5, प्रीति कुमारी वर्ग 3, संध्या कुमारी वर्ग 3, शिवानी कुमारी वर्ग एक, मनीषा कुमारी वर्ग 6, पार्वती कुमारी वर्ग 6, प्रीति कुमारी वर्ग 3, रंजू कुमारी वर्ग 6, अस्मिता कुमारी वर्ग 6, श्वेता कुमारी वर्ग 2, सूरज कुमार वर्ग 5, अजय कुमार वर्ग 5, सुमन कुमार वर्ग 6,सौरभ कुमार वर्ग 4 सहित दो दर्जन से अधिक बच्चों का इलाज किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि सभी बच्चे फिलहाल खतरे से बाहर है। इधर उत्क्रमित मिडिल स्कूल देवचंद मुखिया टोला सदानंदपुर के प्रधानाध्यापक उपेंद्र कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता मनीता देवी के दो पुत्र शत्रुघ्न कुमार और भरत कुमार ने स्कूल के बच्चों को एल्बेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा खिलाया। दवा खिलाने के आधा घंटे के बाद बच्चे बीमार पड़ने लगे। एचएम ने बताया कि आशा कार्यकर्ता बच्चों को दवा खिलाने के लिए नहीं आयी थी। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक ओमप्रकाश ने बताया कि माइक्रो प्लांट के तहत आशा कार्यकर्ता मनीता देवी और वीणा कुमारी को छूटे हुए बच्चे को दवा खिलानी थी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनिवास प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन के कार्यक्रम में 02 वर्ष से लेकर 5 वर्ष के बच्चों को डीइसी तथा एल्बेंडाजोल की एक गोली, 6 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के लोगों को डीसी की दो गोली तथा एल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीसी की 3 गोली तथा एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा एल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा दवा खिलाई जाएगी। 2 साल से कम उम्र के बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं को प्रसव पश्चात 7 दिनों तक व गंभीर रोग से पीड़ित को दवा नहीं खानी है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि दवा खाने से बीमार सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं।
सरायगढ़-भपटियाही : एल्बेंडाजोल और फाइलेरिया की दवा खाने से दो दर्जन से अधिक बच्चों की बिगड़ी हालत, सभी खतरे से बाहर
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