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छातापुर: ड्रोन से तीन किसानों के खेतों में लगी फसलों में छिड़काव देखने उमड़ी भीड़, जाहिर की ईच्छा


• आधुनिकतम कृषि यंत्र के प्रयोग से समय की हो रही बचत, लागत में भी आ रही कमी

        सुपौल। कृषि यंत्रों को लेकर नित‌ नए प्रयोग का नतीजा है कि अब खेती किसानी आसान राह पर अग्रसर है। इसके अलावा सरकार द्वारा घोषित अनुदान भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। खाद बीज की सब्सिडी से तो किसान लाभान्वित हो ही रहे हैं अब नई व आधुनिकतम तकनीक से किसानों की उपज बढ़ाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। 

        कम लागत में अधिक उपज से न सिर्फ किसान समृद्ध होंगे बल्कि राष्ट्र भी समृद्धि की राह पर अग्रसर होगा। खेती किसानी में अब रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न हो और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहे इसके लिए सरकार जैविक खाद के उपयोग पर बल दे रही है। वहीं विविध प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान का विभागीय प्रावधान है। इसी बीच अब खेतों में लगी फसलों को कीट से बचाने के लिए कीटनाशक आदि के छिड़काव को ले ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है और इसके लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है। 

        शुक्रवार को छातापुर के किसान राजकुमार भगत, लालगंज के किसान प्रदीप कुसियैत सहित तीन कृषकों के खेतों में लगे मक्का व राजमा की फसल में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव किया गया। इस विधि को देखने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ी और मौजूद सभी ने ड्रोन से छिड़काव विधि को जाना। मौके पर किसानों ने पारंपरिक छिड़काव में खपने वाले समय व लागत की भी जानकारी ली। 

        इस दौरान मौजूद मां भवानी फर्टिलाइजर के प्रोपराइटर पंकज कुमार भगत ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव को बढ़ावा देने के लिए विभाग से अनुदान की व्यवस्था की गई है। चुंकि छोटे किसानों के लिए ड्रोन का क्रय करना तत्काल संभव नहीं हो पाता है। अतएव मध्यम या बड़े किसान यदि स्वयं ड्रोन क्रय करना चाहेंगे तो इसपर भी अनुदान का प्रावधान है। फिलहाल विभाग द्वारा ड्रोन से छिड़काव की व्यवस्था दी गई है जिसमें आने वाली लागत पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है और समय की भी बचत होती है। 

        ड्रोन ऑपरेटर ने पूछने पर बताया कि प्रति एकड़ छिड़काव पर 280 रुपये का खर्च आता है जिसका आधा विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है। वहीं बमुश्किल सात से आठ मिनट में एक एकड़ में लगी फसलों का छिड़काव हो जाता है। प्रोपराइटर श्री भगत ने बताया कि इस प्रविधि को बढ़ावा देने के लिए कीटनाशक की खरीद पर भी सब्सिडी का प्रावधान है ताकि किसान इस ओर अग्रसर हो सकें। बताया कि इसके लिए किसानों को एक आवेदन देना होगा। आवेदन के आलोक में फसलों का बारी बारी से छिड़काव किया जाएगा। कहा कि अब तक आठ किसानों ने आवेदन दिए हैं जिनमें से तीन के फसलों का छिड़काव हो चुका है। मौके पर मौजूद किसानों ने भी अपने-अपने खेतों में लगी फसलों में छिड़काव की ईच्छा जाहिर की।



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