Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

चुनाव में अगर आपने अपनी जाति के नेता, मुर्गा-भात और शराब के लालच में वोट दिया तो आपको और आपके परिवार को ही भोगना पड़ेगा : प्रशांत किशोर

पटना :  जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग अपनी दुर्दशा देखिए, शायद ही ऐसा कोई घर है, जहां से आपका जवान बेटा, पति, भाई, भतीजा नौकरी करने के लिए दूसरे राज्यों में न गए हो? मैंने 17 महीनों से अपना घर छोड़ा है, लेकिन आपके बच्चे तो सालों साल से आपको छोड़कर चले गए हैं। एक बार जो मजदूरी करने के लिए गए वो साल में एक बार छठ में, ईद में घर आते हैं तब आप उनका मुंह देख पाते हैं। साल भर वो आदमी वहां गुलामी कर रहा है, 10 घंटे मेहनत करते हैं, पेट काटते हैं ताकि घर में 6-8 हजार रुपए भेज सकें। लेकिन, यहां के लोगों से पूछिए कि उन्होंने वोट क्यों दिया था? तो वो बताते हैं कि अपनी जाति का नेता खड़ा था इसलिए दे दिए, गांव में मुर्गा-भात खाकर, पाउच पीकर वोट दे दिए, तो आपके परिजन नहीं भोगेंगे, तो भला और कौन भोगेगा? दूसरे राज्यों में कमा रहा आपका बच्चा बीमार पड़ जाए तो आप उसे देख नहीं सकिएगा, सिर्फ छटपटा कर रह जाइएगा। 

वोट जिसे भी देना है दो, लेकिन वोट अपने बच्चों की शिक्षा-रोजगार के लिए दीजिए : प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आप दल बनाइए, बिहार में विकल्प नहीं था। आप आगे-आगे चलिए हम पीछे-पीछे चलेंगे। हमें आपका साथ नहीं चाहिए। भला आप हमारा साथ क्या दीजिएगा। आप तो वो लोग हैं जिन्होंने अपने बच्चों का साथ नहीं दिया। हम 17 महीने नहीं 17 साल चल लें फिर भी आप नहीं सुधरिएगा। नेताओं ने आपकी नसों में जाति और धर्म इतना घुसा दिया है कि आपको अपने बच्चों का दर्द भी नहीं दिख रहा है। इसलिए आपको एक रास्ता बता रहे हैं, वोट जिसे देना है दीजिए लेकिन अगली बार वोट देते समय स्वार्थी बनिए। अपना और अपने बच्चों का स्वार्थ देखिए। नेता आएंगे और कहेंगे देश के लिए वोट दो, कोई कहेगा अपनी जाति वाले को जीताना है इसलिए वोट दो, वोट जिसे भी देना है दो, जीवन में एक बार संकल्प लीजिए कि वोट अपने बच्चों के लिए दीजिए। जाति के लिए, नेताओं के लिए नहीं, किसी विचारधारा के लिए नहीं सिर्फ अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए। बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट दीजिए। 


कोई टिप्पणी नहीं