- भीमपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13-14 में पंपसेट लगाकर नदी की तलहटी से निकाला जा रहा बालू, दो से ढाई हजार में बेच रहे
सुपौल। जिले के छातापुर प्रखंड से प्रवाहित सुरसर नदी में अवैध खनन का कारोबार धंधे का रूप लेता जा रहा है। रामपुर, माधोपुर, झखाड़गढ, चुन्नी पंचायतों में जहां नदी के मूल स्वरूप से खिलवाड़ हो रहा है। वहीं भीमपुर पंचायत के वार्ड नंबर 13 व 14 में दैनिकी ट्रैक्टर ट्राली पर पंपसेट रखकर नदी की तलहटी से बालू का खनन बदस्तूर जारी है बावजूद खनन विभाग मूकदर्शक बना है। यह धंधा कई सालों से हो रहा है और जब कभी किसी की शिकायत से तंग आकर खनन विभाग की टीम छापेमारी के लिए पहुंचती है तो स्थानीय प्रशासन की मेहरबानी कृपा बनकर बरस जाती है। सूत्रों की मानें तो इस अवैध खनन के लाखों के कारोबार का स्थानीय पुलिस को बेहतर पता है। बावजूद ऐसे अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने के निमित्त किसी प्रकार की पहल नहीं होती। गाहे-बगाहे यदि कभी एकाध ट्रैक्टर पकड़ में भी आ जाता है तो रातोंरात या तो जादू होता है या फिर खनन विभाग की पर्ची कटाकर फारिग हो लिया जाता है। जानकार बताते हैं कि पंपसेट चलाकर नदी की तलहटी से बालू छानकर बिल्डिंग मेटेरियल सप्लायर की दुकानों में बेची की जाती है जहां उन्हें प्रति ट्रेलर दो से ढाई हजार मिलता है। ऐसे में यदि दिनभर में दो से तीन ट्रेलर की बेची कर ली जाती है तो इस अवैध कारोबार से 06 से आठ हजार का फायदा हो जाता है। लेकिन विडंबना है कि इसका एक हिस्सा सिस्टम के भ्रष्ट तंत्र तक तो पहुंचता है लेकिन सरकार बेचारी प्यासी रह जाती है। सरकार के राजस्व पर हर दिन पड़ रहे डाका का यह खेल सालों से बदस्तूर जारी है लेकिन फिर भी जिम्मेदार कारिंदों की जमीर नहीं जागती।
कोई टिप्पणी नहीं