सुपौल। एसएसबी 45वीं वाहिनी वीरपुर ने राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन शहद मिशन एवं नागरिक कल्याणकारी कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती लोगों को तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया। जानकारी देते हुए 45वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट जगदीश कुमार शर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के अंतर्गत तथा भारत सरकार द्वारा स्थानीय ग्रामीणों एवं उनके परिवारजनों को नागरिक कल्याणकारी कार्यक्रम के अंतर्गत इसका प्रशिक्षण देने के लिए निर्देशित किया गया था. जिससे स्थानीय ग्रामीणों को स्वरोजगार का अवसर मिले। मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन का उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक तौर पर मधुमक्खी पालन करना तथा व्यवसाय से जोड़ना है। इसी के तहत 18 से 20 अप्रैल तक 45वीं वाहिनी वीरपुर के परिसर में सीमावर्ती ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया। एनबीएचएम का मुख्य उद्देश्य कृषि और गैर कृषि परिवारों के लिए आमदनी और रोजगार संवर्धन के उद्देश्य से मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास को प्रोत्साहन देना। कृषि, बागवानी उत्पादन को बढ़ाना है। बताया कि मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित गतिविधि है। जो एकीकृत कृषि व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्र में किसान, भूमिहीन मजदूरों द्वारा की जा रही है। फसलों के परागण में मधुमक्खी पालन खासा उपयोगी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन सउपनि सुभाष चन्द्र राणा एवं मुख्य आरक्षी अनुज परिहार ने किया। जिसमें लोगों को मधुमक्खी पालन, रख-रखाव एवं उससे जुडे़ लाभ के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में 35 पुरुष एवं 05 महिला कुल 40 ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया।
वीरपुर : 40 ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन का दिया गया प्रशिक्षण, स्वरोजगार के मिलेंगे अवसर
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