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नौवीं में नामांकन लेने से मना करने पर निकटवर्ती छात्रों ने प्रखंड कार्यालय द्वार के आगे किया प्रदर्शन



  • छातापुर प्लस टू हाई स्कूल का मामला, घंटे भर मशक्कत के बाद पुलिस ने आवागमन कराया बहाल 
सुपौल। पंचायत के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं में नामांकन की बाध्यता स्कूल प्रबंधन के लिए गले की फांस बनती जा रही है। शुक्रवार को जहां छातापुर प्रखंड के हरिहरपुर उच्च विद्यालय के छात्रों ने स्कूल के समीप एसएच को जामकर घंटे भर प्रदर्शन किया था। वहीं सोमवार को उच्च विद्यालय छातापुर से आठवीं पास समीप के पंचायत वासी छात्रों ने नौवीं कक्षा में नामांकन नहीं लिए जाने से नाराजगी जाहिर करते हुए प्रखंड सह अंचल कार्यालय द्वार के सामने एसएच-91 को जामकर घंटे भर प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने सड़क पर साइकिल गिराकर व टायर जलाकर आवागमन को बाधित कर दिया और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश का इजहार किया। यातायात बाधित होने से सड़क पर वाहनों की कतार लग गई और आम राहगीरों को‌ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मौके पर मौजूद छात्रों ने बताया कि आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वे लोग नौवीं में नामांकन के लिए एसएस प्लस टू हाई स्कूल का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन दाखिला नहीं लिया जा रहा है। प्रबंधन का कहना है कि आठवीं पास आउट छात्र-छात्राओं का नामांकन पंचायत के उच्च विद्यालयों में होना है। हाई स्कूल छातापुर के निकटस्थ निवासी छात्रों ने कहा कि उन्हें खुद के पंचायत स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में नामांकन लेने पर रोजाना पांच किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। बताया कि समीप के एसएस प्लस टू हाई स्कूल में यदि उन लोगों का नामांकन हो जाता है तो परेशानी से निजात मिल सकती है। प्रदर्शन में अधिकांश करहवाना गांव के छात्र शामिल थे। मामले में पूछने पर प्राचार्य गुरचरण पासवान ने बताया कि एसएस प्लस टू हाई स्कूल में छातापुर पंचायत के मात्र चार विद्यालयों के छात्रों का ही नामांकन लेना है। बताया कि यदि विभाग से आदेश प्राप्त होगा तो अनुपालन किया जाएगा। इधर, जाम की सूचना पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने बीईओ से वार्ता कर छात्रों को समझा बुझाकर एक घंटे से बाधित आवागमन को बहाल कराया। हैरत की बात यह रही कि घंटे भर तक कार्यालय के आगे प्रदर्शन होता रहा लेकिन बीडीओ लगायत एक भी पदाधिकारी व कर्मी ने स्थल पर आकर छात्रों की व्यथा सुनने की जहमत नहीं उठाई। एसआई प्रियंका चौहान ने छात्रों को समझाकर मशक्कत के बाद जाम को समाप्त कराया।

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