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भगवान किसी जाति विशेष पर नहीं बल्कि भक्ति से रखते हैं नाता : रामउद्गार



सुपौल। जिला मुख्यालय स्थित श्रीश्री 108 संत बाबा रामदास ठाकुरबाड़ी सह शनिदेव मंदिर प्रांगण में श्रीराम कथा के आठवें मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दीप प्रज्वलन तथा व्यास पीठ पूजन रेणु देवी के द्वारा किया गया। व्यास रामउद्गार जी द्वारा अंगवस्त्र एवं पुष्प माला प्रदानकर सम्मानित किया। श्रीराम कथा में सैकड़ों की संख्या में श्रोता एवं भक्तजन उपस्थित हुए। बड़ी संख्या में उत्साहित महिला-पुरूष कथा में शामिल हुए। अत्यंत भावपूर्ण व मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई। व्यास रामउद्गार दास ने अपने मुखारविंद से सबरी चरित्र पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि चौ जाती-पाती कूल धर्म बड़ाई। धन बल परिजन गुण चतुराई।। भगवान किसी जाति विशेष पर नहीं जाते हैं। वे केवल एक मात्र भक्ति का नाता रखते हैं। जो मेरी भक्ति करता है, वह मेरा है, मैं उसका हूं। इस दुनियां में किसी से जाति पाती कूल धर्म बड़ाई धन बल परिजन गुण और चतुराई तथा द्रव्य सब कुछ हो पर भक्ति नहीं हो, वह मनुष्य बिना जल के बादलों के समान शोभाहीन है और व्यर्थ है। वास्तव में भक्ति ही भगवान को प्रिय है। इसीलिए भगवान कहते हैं जो मेरी भक्ति से विमुख है और यज्ञ, दान, तप एवं वेदाध्ययन करके भी मुझे नहीं देख सकते। मुझे तो तुम्हारे जैसी निर्मल हृदय वाली माता मिली है। आज मैं तुमसे अत्यंत प्रसन्न हुईं। भक्ति के जो नौ गुढ़ तत्व है, उसे आज तेरे प्रेम के कारण प्रकट करता हूं और भगवान नवधा भक्ति सबरी को सुनाए। मानों भगवान राम जी ने सबरी के जुड़े बैलों को खाकर संसार से बैर की भावना को खत्म किया। कथा में अमित कुमार, संजीव झा, डॉ राजा, रामकुमार चौधरी, अरूण चौधरी, नलिन जायसवाल, रामाधीन ठाकुर, हीरालाल कामत, संजीव कुमार सिंह, रणधीर चौधरी, सुरेश चौधरी, सियाराम चौधरी, रामप्रसाद गुप्ता, कृत्यानंद कामत, गौतम कुमार, पूनम सिन्हा, लाखो कुमारी, अंजलि दीदी, संगीता दीदी, सुचित्रा दीदी, सुनीता दीदी, प्रीति दीदी आदि मौजूद थे।  

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