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श्रीराम कथा के पांचवें दिन धनुष यज्ञ व विवाह प्रसंग का किया गया वर्णन



सुपौल। जिला मुख्यालय स्थित श्रीश्री 108 संत बाबा रामदास ठाकुरबाड़ी सह शनिदेव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवें दिन श्रीराम कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दीप प्रज्ज्वलन तथा व्यास पीठ पूजन समाजसेवी सह मेला समिति के पूजा प्रभारी संजीव कुमार सिंह एवं सावित्री देवी के द्वारा किया गया। व्यास जी द्वारा सावित्री देवी एवं संजीव कुमार सिंह को अंगवस्त्र देकर एवं पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया। श्रीराम कथा में सैकड़ों की संख्या में श्रोता एवं भक्तजन उपस्थित हुए। कथा का प्रसंग धनुष यज्ञ, श्रीराम जानकी विवाह था। माता जानकी की कन्या-दान सावित्री देवी एवं संजीव कुमार सिंह ने किया। व्यास रामउद्गार महाराज ने अपने मुखार्विंद से मिथिला धाम पर विशेष चर्चा करते हुए कहा कि मिथिला में रहते हुए भी दूसरे धाम पर आश्रित नहीं होना चाहिए। क्योंकि गोस्वामी जी ने चौपाई के माध्यम से मिथिला का वर्णन बड़े सुंदर ढंग से किया है। चौ पुर नारी सुभग सूचि संता, धरमशील ग्यानी गुनवंता।। मिथिला वासियों के लिए कहा है कि यहां के सभी नर नारी सुंदर, सुशील और धर्मात्मा हैं। इसलिए इसे भक्ति की भूमि भी कहा गया है। इसलिए भगवान इस धरती पर चलकर आए और इस मिथिला के पाहुन बने। जिनका विवाह लोक रीति, वेद रीति, कुल रीति तीन रीतियों से किया गया। कथा में अमित कुमार, संजीव झा, डॉ राजा, रामकुमार चौधरी, अरूण चौधरी, नलिन जायसवाल, रामाधीन ठाकुर, हीरालाल कामत, संजीव कुमार सिंह, रणधीर चौधरी, सुरेश चौधरी, सियाराम चौधरी, रामप्रसाद गुप्ता, कृत्यानंद कामत, गौतम कुमार, पूनम सिन्हा, लाखो कुमारी, व्यास कथाकार अंजलि दीदी, संगीता दीदी, सुचित्रा दीदी, सुनीता दीदी, प्रीति दीदी, उषा दीदी, अर्चना दीदी, गुड़िया दीदी, रमण शरण दास, ज्ञान सागर, अजय, रामकुमार, मुकेश, संजय सहित एकल अभियान के कई कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

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