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स्‍वचालित प्‍लेट प्रणाली अत्‍याधुनिक बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का सुपअभियंत्रण महाविद्यालय के छात्रों ने किया विकास



सुपौल। इंजीनियरिंग कॉलेज सुपौल में छात्रों की सुविधा के लिए एक नई और अत्याधुनिक स्वचालित प्लेट वितरण प्रणाली के साथ बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का विकास किया गया है। इस प्रणाली ने हाल ही में आयोजित विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कौशल विकास प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। इस परियोजना का उद्देश्य मेस में उपस्थित छात्रों की बायोमेट्रिक पहचान कर उनकी उपस्थिति दर्ज करना है। यदि व्यक्ति की पहचान सत्यापित होती है, तो उसे स्वचालित रूप से प्लेट प्रदान की जाएगी। इस प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को स्वचालित किया गया है, जिससे समय की बचत होगी और त्रुटियों की संभावना कम होगी। इस प्रणाली का मुख्य घटक ईएसपी32 माइक्रोकंट्रोलर है, जो बायोमेट्रिक डेटा प्रोसेसिंग और प्लेट वितरण प्रणाली को नियंत्रित करता है। अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में मेस में उपस्थिति दर्ज करना एक महत्वपूर्ण समस्या है। पारंपरिक विधि में उपस्थिति मैन्युअल रूप से दर्ज की जाती है। फिर प्लेट दी जाती है, जो न केवल समय लेने वाली है। बल्कि अविश्वसनीय भी होती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए, स्वचालित प्रणाली विकसित की गई है जो बायोमेट्रिक पहचान के बाद प्लेट वितरित करती है। डेटा को स्मृति में संग्रहित करती है। इस परियोजना को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के अंतर्गत बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन और दशरथ मांझी श्रम और रोजगार अध्ययन संस्थान, पटना का समर्थन प्राप्त है। नोडल अधिकारी डॉ चन्दन कुमार, प्रोजेक्ट सुपरवाइजर प्रो शादाब ए सिद्दीक, प्रिंसिपल डॉ एएन मिश्रा, टीम सदस्य अंकिता कुमारी, शाजिया परवीन और सूरज कुमार ने इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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