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चार श्रम कोड लाकर मजदूरों को कॉरपोरेटों का गुलाम बनाना चाहती सरकार



सुपौल। केंद्रीय ट्रेड यूनियन ऐक्टू के राष्ट्रीय आह्वान पर जिला मुख्यालय के गांधी मैदान से ट्रेड यूनियन संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक अरविंद कुमार शर्मा के नेतृत्व में मोदी-नीतीश सरकार के मजदूर अधिकारों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ निर्माण श्रमिकों का प्रदर्शन निकाल कर शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण किया। जिसके बाद श्रम अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर धरना में तब्दील हो गया। जिसकी अध्यक्षता ऐक्टू जिलाध्यक्ष कॉमरेड जितेंद्र चौधरी ने की। धरना को संबोधित करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव जय नारायण यादव ने कहा कि मोदी-नीतीश की सरकार मजदूर, किसानों से गद्दारी और कॉरपोरेटों से यारी कर बिहार और देश की जनता को धोखा दे रही है। बिहार के 95 लाख गरीब परिवारिकों दो-दो लाख रुपया अनुदान देने का वादा किया। लेकिन 70 हजार का आय प्रमाण का शर्त लगाकर इस वादा को जुमला बनाने की कोशिश कर रहा है। ट्रेड यूनियन संयुक्त संघर्ष समिति के जिला संयोजक सह ऐक्टू के जिला सचिव श्री शर्मा ने धरना कहा कि मोदी-नीतीश की सरकार चार श्रम कोड लाकर मजदूरों को कॉरपोरेटों का गुलाम बनाना चाहती है। मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा में कटौती कर उसका जीना दूभर कर दिया है। इसके खिलाफ बिहार के मजदूर अनवरत संघर्ष कर इस साजिश को विफल करने का काम करेगी। यूटी यूसी के जिला सचिव शंभू शरण यादव ने कहा कि सभी निर्माण श्रमिकों को विवाह सहायता अनुदान एक लाख, साइकिल क्रय छह हजार, औजार क्रय बीस हजार, चिकित्सा और पोशाक भत्ता छह हजार, गृह निर्माण अनुदान ढाई लाख रुपया करने की मांग की।
    प्रदर्शन धरना को अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के जिला सचिव जन्मेजय राय ने कहा कि बिहार के सभी गरीब भूमिहीनों को 05 डीसमल जमीन दो कमरा वाला पक्का मकान, दो सौ यूनिट फ्री मासिक बिजली, वृद्धा, विकलांग, विधवा पेंशन की राशि को चार हजार रुपया मासिक करने के सवालों को प्रमुखता से उठाया। अंत में 17 सूत्री मांग पत्र पर सुपौल श्रम अधीक्षक से वार्ता के उपरांत धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की गई। धरना प्रदर्शन को ट्रेड यूनियन नेता अलाउद्दीन, फिरोज, सत्यनारायण शर्मा, दिनेश पासवान, अमित कुमार, अजीत कुमार, मो सकुर, मो नईम, सिकंदर तांती, शंभू शर्मा, मंटू कुमार, आलोक कुमार, बैजू पासवान, शिवनारायण ठाकुर, महावीर दास, श्रवण कुमार, प्रिंस कुमार, समीना खातून, जोहरा खातून, हलीमा खातून, मंजू देवी, गीता देवी, फागुनी देवी, अनीता देवी, कविता देवी आदि ने संबोधित किया। 

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