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प्रसव पूर्व जांच का मिल रहा फायदा, उच्च जोखिम वाली महिलाओं की हो रही पहचान

  •   राज्य में औसतन 6.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाएँ रहती हैं उच्च जोखिम में 
  •  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मिल रही है प्रसव पूर्व जांच 



पटना। राज्य में प्रसव पूर्व जांच के लिए चलाये जा रहे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से सबसे बड़ा फायदा उन गर्भवतियों को मिल रहा है, जिनका प्रसव जोखिम भरा है। 

जांच बढ़ेगी तो जोखिम का पता लगाना ज्यादा आसान होगा 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में कुल 9 लाख छह हज़ार 209 गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर हुई। इनमें करीब 61 हज़ार से ज्यादा उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान हुई, जो 6.8 प्रतिशत है। बाद में उनका समुचित प्रबंधन किया गया। एम्स, पटना में एडिशनल प्रोफ़ेसर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि जितनी ज्यादा संख्या में गर्भवतियों की जांच होगी, उनमें उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान आसान होगी। 

अब यह अभियान महीने में 3 दिन आयोजित होगा 

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में प्रसव पूर्व प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन को महीने में 3 दिन किया जाएगा, ताकि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की अपेक्षित दर 15 प्रतिशत को प्राप्त किया जा सके। जुलाई माह से एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को माह के 9, 15 एवं 21 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन आने वाली सभी महिलाओं को चिकित्सक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच, आवश्यक प्रयोगशाला जांच, अल्ट्रासाउंड परीक्षण की जाएगी, ताकि उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था का पता लगाया जा सके और उसका प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

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