- टीका देने का बताया गया सही तरीका
- नियमित टीकाकरण के पूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देश
सहरसा। नियमित टीकाकरण को गति देने के लिए रेड क्रॉस सभागार में एनीमिया मुफ्त भारत कार्यक्रम तथा नियमित टीकाकरण से संबंधित विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। नियमित टीकाकरण संबधीय यह प्रशिक्षण जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद, डब्ल्यूएचओ के एसीएमओ आकाश वर्गीज, यूएनडीपी के पीओ प्रियरंजन झा एवं यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश नारायण मेहता के द्वारा दिया गया। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप, डीपीएम विनय रंजन, यूनिसेफ के एसएमसी मजहरूल हसन, डब्ल्यूएचओ आरआरटी डा. पुनित, केयर इंडिया के डीटीएल रोहित रैना, , भीसीसएम मुहम्मद खालीद भी मौजूद रहे।
किशोरावस्था के दौरान बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्वस्थ जीवन जरूरी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.कुमार विवेकानंद ने कहा कि किशोरावस्था के दौरान बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास से स्वस्थ जीवन की आधारशिला तैयार होती है। किशोरियों में खून की कमी भविष्य में सुरक्षित मातृत्व के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। 10 से 19 वर्ष तक की किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली दी जा रही है। कोरोना संकट काल में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था। आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर किशोरियों के बीच आयरन की गोली का वितरण कर रही हैं । डॉ. कुमार विवेकानंद ने एनीमिया व इसके लक्षण के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कहा कि एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो कार्यक्षमता पर विपरीत प्रभाव डालती है। किशोरियों की बेहतर स्वास्थ्य को लेकर कदम उठाया गया है। माध्यमिक विद्यालयों में किशोरियों को दवा खिलायी जाती है। विद्यालय नहीं जाने वाली किशोरियों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दवा दी जाती है।
बच्चों को विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया, बच्चों के लिए नियमित टीकाकरण बहुत जरूरी है। यह शरीर में बीमारियों के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है । टीकाकरण से बच्चों में होने वाले जानलेवा बीमारियों का खतरा बहुत ही कम हो जाता है। शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह उनका सही तरीके से टीकाकरण नहीं होना भी होता है। टीकाकरण संक्रमण के बाद या बीमारी के खिलाफ व्यक्ति की रक्षा करता और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शिशुओं को स्तनपान कराने से भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। टीकाकरण से बच्चों को चेचक, हेपेटाइटिस जैसी अन्य बीमारियों से बचाया जा सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, इसलिए, टीकाकरण शिशु के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों में होने वाली बीमारियों व संक्रमण का असर तेजी से उनके शरीर पर होता है और उनके अंगों को प्रभावित करता है। बीसीजी, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, डीटीपी, रोटावायरस वैक्सीन इनफ्लूएंजा व न्यूमोनिया के लिए टीकाकरण किये जाते हैं।
उन्होंने वहां मौजूद एमओआईसी एवं बीसीएम से अपील की है कि अपने स्तर से आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से लोगों के बीच सरकारी अस्पतालों में दिए जाने वाले टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। साथ ही टीके से होने वाले फायदे भी हर स्तर के लोगों तक पहुंचाएं।
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