सुपौल। विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की अराधना भक्तिभाव से की गई। पूजा पंडाल समेत अन्य पूजन स्थलों के समीप वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भक्तों ने हवन पूजन का कार्य किया। हवन के बाद पूजा स्थलों पर विसर्जन का प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। विसर्जन से पहले पूजा स्थलों पर लोग एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर बसंत की बधाई दी। हवन होने के बाद गुरुवार व शुक्रवार को पूजा पंडाल से भक्तों की टोली जुलूस की शक्ल में मां शारदे की प्रतिमा को लेकर विसर्जन करने जलाशयों की ओर चल दिये। जुलूस में शामिल श्रद्धालु भक्ति व भोजपुरी गीतों पर जमकर थिरक रहे थे। साथ ही बीच-बीच में मां शारदे की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरे उत्साह के साथ मां शारदे को नम आंखों से विदाई देते हुए प्रतिमा को जलाशयों में प्रवाहित कर दिया गया। छात्र छात्राओं के साथ अन्य लोगों ने भी उल्लास से प्रतिमा विसर्जन में शामिल हुए। शांति पूर्ण रूपेन संपन्न कराने को लेकर सभी थाना परिसर में थानाध्यक्ष के अध्यक्षता में और जनप्रतिनिधियों के साथ गणमान्य लोगों के बीच शांति समिति की बैठक आयोजित कर थाना क्षेत्र में प्रतिमा विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार कि अप्रिय घटनाएं नहीं घटें, इसके लिए डीजे व अश्लील गाने पर बिल्कुल प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन क्षेत्र में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। हालांकि माता के विसर्जन में किसी भी तरह से कोई हताहत नहीं हुई शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया।
विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा का हुआ विसर्जन, विसर्जन जुलूस में शामिल युवा गीतों पर जमकर थिरके
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