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कथा के छठे दिन वनवास व भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग प्रसंग पर हुई चर्चा



सुपौल। जिला मुख्यालय स्थित श्रीश्री 108 संत बाबा रामदास ठाकुरबाड़ी सह शनिदेव मंदिर प्रांगण में श्रीराम कथा के छठे दिन रविवार को प्राणोंच्चार के साथ श्रीराम कथा प्रारंभ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन तथा व्यासपीठ का पूजन कुमुद देवी के द्वारा किया गया। मौके पर व्यास जी द्वारा कुमुद देवी को अंगवस्त्र ओढ़ा कर एवं पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया। श्रीराम कथा में सैकड़ों की संख्या में श्रोता एवं भक्तजन उपस्थित हुए। मौके पर अत्यंत भावपूर्ण व मनमोहक झांकियां प्रस्तुत की गई। कथा का प्रसंग भरत चरित्र के विषय पर कथा कहते हुए व्यास रामउद्गार दास ने अपने मुखार्विंद से दोहा कहते हुए कहा कि दोऊदिस समुझि कहते सब लोगू। सब विधि भरत सराहन जोगु। श्री राम जी के परिवार में सब के सब अपने-अपने धर्म का निर्वहन किया। चारों भाइयों में किसी भाई को राज्य मद का लोभ नहीं था। महाराज दशरथ जी ने मईया केकई के वचन के अनुसार भरत जी को राजतिलक देने का वचन दिया। परंतु भरत जी ने राज तिलक स्वीकार नहीं किया। क्योंकि राजतिलक भगवान श्रीराम का होना था। चुंकि राजतंत्र में बड़े भाई ही राजा होते हैं। भरत जी इस कर्तव्य का पालन किया। पूरे अयोध्या नगरी में भरत जी की सराहना हुई और 14 वर्ष बाद भगवान श्रीराम जी जब वनवास से अयोध्या लौटे तब भरत जी ने वशिष्ठ मुनि के निर्देशानुसार भगवान श्री रामचंद्र जी का राज्याभिषेक हुआ। भरत चरित्र यही दर्शाता है कि भाई-भाई में कभी राज एवं धन प्राप्ति के लिए बैर नहीं करना चाहिए। हमेशा परिवार में भाईचारा बना कर रहना चाहिए। कथा में अमित कुमार, संजीव झा, डॉ राजा, रामकुमार चौधरी, अरूण चौधरी, नलिन जायसवाल, रामाधीन ठाकुर, हीरालाल कामत, संजीव कुमार सिंह, रणधीर चौधरी, सुरेश चौधरी, सियाराम चौधरी, रामप्रसाद गुप्ता, कृत्यानंद कामत, गौतम कुमार, पूनम सिन्हा, लाखो कुमारी, व्यास कथाकार अंजलि दीदी, संगीता दीदी, सुचित्रा दीदी, सुनीता दीदी, प्रीति दीदी, उषा दीदी, अर्चना दीदी, गुड़िया दीदी, रमण शरण दास, ज्ञान सागर, अजय, रामकुमार, मुकेश, संजय सहित एकल अभियान के कई कार्यकर्ता उपस्थित हुए।

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