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श्रीराम कथा के तीसरे दिन भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्मोत्सव, दशरथ दरबार, अयोध्या में मंगल बधाइयां आदि प्रसंग का किया वर्णन



  • कथा में सैकड़ों की संख्या में शामिल हो रहे भक्तजन
सुपौल। श्रीश्री 108 संत बाबा रामदास ठाकुरबाड़ी सह शनिदेव मंदिर प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन प्राणोंच्चार के साथ श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलन तथा व्यास पीठ पूजन समाजसेवी गौरीशंकर मंडल के द्वारा किया गया। व्यास जी को गौरीशंकर मंडल द्वारा अंगवस्त्र ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोक सम्राट एवं नलिन जायसवाल उपस्थित थे। श्रीराम कथा में सैकड़ो की संख्या में श्रोता एवं भक्तजन उपस्थित हुए। कथा का प्रसंग भगवान श्री रामचंद्र जी का जन्मोत्सव, दशरथ दरबार, अयोध्या में मंगल बधाइयां आदि था। सुखद संयोग रामनवमी का भी था और कथा में भी राम जन्मोत्सव भी था। जिसमें प्रशिक्षित व्यास बहनों द्वारा सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गयी। अमृतमय श्रीराम कथा के माध्यम से मुख्य व्यास रामउद्गार दास ने जीवन जीने की कला पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस प्रसंग में कहा कि इस धरा-धाम से अधर्म शक्ति का नाश कर धर्म-शक्ति को स्थापित करके भगवान अपने धरा-धाम को गए‌। वास्तव में भगवान का अवतार अपने भक्तों के कल्याण के लिए संसार में होता है, जो निर्गुण निराकार ब्रह्म से सगुन साकार रूप में आकर भक्तों की रक्षा करते हैं। उन्होंने एक दोहा के माध्यम से कहा कि 'विप्र धेनु सुर संत हित लिन्ह मनुज अवतार निज इच्छा निमित्त तनु श्री माया गुण गोपाल'। सियावर रामचंद्र की जय। कथा में डॉ प्रभु दयाल साह, अमित कुमार, संजीव झा, डॉ राजा, रामकुमार चौधरी, अरूण चौधरी, रामाधीन ठाकुर, जगन्नाथ चौधरी, हीरालाल कामत, अभिषेक गुप्ता, संजीव कुमार सिंह, रणधीर चौधरी, सुरेश चौधरी, मिथिलेश कुमार, रंजन कुमार, व्यास कथाकार अंजलि दीदी, संगीता दीदी, सुचित्रा दीदी, सुनीता दीदी, प्रीति दीदी, उषा दीदी, अर्चना दीदी, गुड़िया दीदी, रमण शरण दास, ज्ञान सागर, अजय, रामकुमार, रामाधार सहित एकल अभियान के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

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