सुपौल। जिला मुख्यालय में सोमवार को रैयत, समाजसेवी व जनप्रतिनिधि ने गाँधी मैदान से शहर भ्रमण करते हुए जिला समाहरणालय मुख्य द्वार पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार के नेतृत्व व शिव कुमार यादव के संचालन में सदर अंचल सीओ बुच्ची कुमारी के मनमानी, अमर्यादित व्यवहार एवं भ्रष्ट क्रियाकलाप के खिलाफ शांतिपूर्ण ढ़ंग से विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार ने कहा कि भ्रष्ट पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि के कारण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और सुशासन बाबू नीतीश कुमार का सपना चकनाचूर हो रहा है। गॉंव व समाज के विकास के जगह बेईमान पदाधिकारियों का विकास हो रहा है। अंचलाधिकारी और भूमि सुधार उपसमाहर्ता के घोर लापरवाही, मनमानी और घूसखोरी के कारण समाज में 80 प्रतिशत भूमि विवाद है। जानबूझकर ये अधिकारी तीन को तेरह और तेरह को तीन बनाने के चक्कर में भूमि विवाद का अम्बार लगाते रहते हैं। जिसकी खामियाजा समाज, थाना, न्यायालय और रैयत को भूगतना पड़ता है। बिहार सरकार भी इन भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने में असक्षम है। सुपौल अंचल में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है।
डॉ कुमार ने कहा कि जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में दिए गये आदेश को भी सीओ बुच्ची कुमारी और भूमि सुधार उपसमाहर्ता ठेंगा दिखाते हैं। निजी जमीन को रोक सूची से मुक्त कराने के लिए अंचल और जिला समाहरणालय का चक्कर लगाते-लगाते दो वर्ष का समय बीत जाता है फिर भी रोक सूची से मुक्त नहीं होता है। हर काम के लिए आम आवाम को दलाल का सहारा लेना पड़ता है। दलाल का मुख्य संरक्षक सदर अंचलाधिकारी बुच्ची कुमारी है। अंचल का आलम यह है कि पैसा है तो सदर अंचल जाईये वर्ना झाल बजाईये। कहा कि अंचलाधिकारी बुच्ची कुमारी दाखिल खारिज में 5000 से 50000 रू॰ और क्रिटिकल दाखिल खारिज पर जमीन के वर्तमान मूल्य का 10 से 20 प्रतिशत रिश्वत लेती है। परिमार्जन के लिए 5000-25000 रू॰, लगान निर्धारण के लिए दस हजार -एक लाख रू॰, अस्वीकृत फाइल का नकल के लिए 500-1000 रू॰, मापी नकल प्रतिवेदन के लिए 3000 रू॰ एवं ऑनलाइन पंजी 2 के लिए 15 हजार से एक लाख रू॰ रिश्वत लेती है। रिश्वत नहीं देने वाले रैयत के साथ अंचलाधिकारी अमर्यादित व्यवहार करते हैं। बिहार सरकार अपने स्तर से इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायें।
वहीं लोरिक विचार मंच के मीडिया प्रभारी मुकेश कुमार, रामनारायण साह व शिव कुमार यादव ने कहा कि सरकारी शुल्क अदा करने के बाद भी मापी नहीं होती है। अगर होती है तो बिना मोटी रकम दिये रिपोर्ट नहीं मिलता है। रिश्वत नहीं देने वाले को कोई न कोई बहाना बनाकर टाल दिया जाता है। कभी न्यायालय तो कभी वरीय पदाधिकारी का हवाला देकर मापी होने के बाद अंचल से भू-स्वामी को रिपोर्ट नहीं मिलता है। सीओ के बिचैलियों के द्वारा अवैध रूप से निजी आवास पर हल्का का संचालन किया जाता है। राजस्व कर्मचारी को इनका बिचोलिया पॉकेट में रखता है।प्रदर्शनकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा गया। प्रदर्शन में सुधीर मिश्र, मुकेश कुमार यादव, मो असगर अली, इरसाद आलम, इस्तियाक आलम, शत्रुधन यादव, रौशन यादव, पवन यादव,माधव मंडल, इनरदेव यादव, माला देवी, नीतीश कुमार, रविन्द्र यादव, सुलेखा देवी, ब्रजकिशोर यादव, शशि मंडल, लालमोहर मंडल, गणेश यादव, शम्भू यादव आदि ने सक्रिय भूमिका निभाया।
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