आगामी 29 जून 2025 को पटना के बापू सभागार में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय वैश्य प्रतिनिधि सम्मेलन की तैयारियों को लेकर रविवार को शोभा भवन, सरायगढ़ में राष्ट्रीय वैश्य महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष गोपाल कुमार ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं विधायक समीर महासेठ उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में समीर महासेठ ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा वैश्य समाज को 56 उपजातियों में विभाजित कर उनके जनसंख्या प्रतिशत को जानबूझकर कम करके दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वैश्य महासभा पिछले 30 वर्षों से वैश्य समाज के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और शैक्षिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।
उन्होंने आह्वान किया कि 29 जून को पटना के बापू सभागार में आयोजित सम्मेलन में वैश्य समाज के हजारों प्रतिनिधि शामिल होकर अपनी एकजुटता और सामूहिक शक्ति का परिचय दें। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में भी निर्णायक साबित होगा।
महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार से वैश्य आयोग के गठन की मांग की गई है और साथ ही सभी उपजातियों को अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग भी रखी गई है। जब तक ये दोनों मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष पीके चौधरी ने कहा कि आज का समय भामाशाह, राजा हेमू और राजा हर्षवर्धन जैसे ऐतिहासिक महापुरुषों की दूरदर्शिता और त्याग से प्रेरणा लेकर निर्णय लेने का है। उन्होंने युवाओं से वैश्य समाज के गौरवशाली इतिहास को जानकर संगठित होने की अपील की।
बैठक में प्रदेश प्रधान महासचिव दीपक साह, जिला अध्यक्ष शत्रुघ्न चौधरी, पूर्व जिला अध्यक्ष राजनारायण प्रसाद गुप्ता, मक्खन साह, सुखदेव साह सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
इस अवसर पर मुखिया राजेंद्र साह, बबलू महतो, सुशील मोदी, अरुण महतो, बृजलाल साह, लालचंद साह, प्रकाश साह, हरीमोहन महतो, कामदेव साह सहित सैकड़ों की संख्या में वैश्य समाज के लोग उपस्थित रहे।
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