सुपौल। वीरपुर झील के निकट स्थित होटल वीर विहार के सभागार में आयोजित 'कोसी न्याय संवाद' कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं बिहार के सह प्रभारी शाहनवाज़ आलम ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इसे "बिहार के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार" करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार से मिले बजट का न तो सही इस्तेमाल हुआ और न ही अनुपयोगी राशि केंद्र को लौटाई गई।
आलम ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि नीतीश सरकार 71,000 करोड़ रुपये का हिसाब देने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि जिस मद में पैसे लिए गए, उसी मद में उनके खर्च का कोई साक्ष्य सरकार नहीं दे पाई है। यह साफ तौर पर भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य को आवंटित 3.26 लाख करोड़ रुपये में से मात्र 2.60 लाख करोड़ रुपये ही खर्च किए गए, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार काम करने में नाकाम रही है।
दलित समुदाय से संवाद करते हुए शाहनवाज़ आलम ने घोषणा की कि महागठबंधन की सरकार बनने पर "माई-बहिन-मान योजना" के तहत प्रत्येक महिला को 2,500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
पूर्व प्रत्याशी मिन्नत रहमानी ने कार्यक्रम में कहा कि सुपौल का पलायन दर पूरे राज्य में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहे सुपौल में यदि सरकार और मंत्रियों की इच्छाशक्ति होती तो यहां उद्योग-धंधे लगाकर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते थे। उन्होंने दावा किया कि बदलाव की शुरुआत सुपौल विधानसभा से होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष सूर्यनारायण मेहता ने की। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार सुपौल ज़िले की सभी पांचों विधानसभा सीटें महागठबंधन के पक्ष में जाएंगी।
कार्यक्रम में राकेश मिश्रा (प्रदेश नेता), नंदकिशोर राम, संजय पासवान, अशोक राम, चंदेश्वरी सदा, सैनी सदा, रविंद्र राम, प्रवेश राम, विमल यादव, जितेंद्र झा, पीतांबर पाठक, अनोखा सिंह, पिंकी देवी, मुलिया देवी, राजकुमारी, लखेंन देवी, सुशीला देवी, रहमत अली, मो. नोमान, सोनू आजाद, प्रमोद यादव, मो. सलाउद्दीन समेत कई स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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