सुपौल। जिले में कालाजार (विसरल लीशमैनियासिस - VL) का प्रकोप एक बार फिर सामने आया है। सदर अस्पताल, सुपौल में इस वर्ष का दूसरा कालाजार मरीज भर्ती हुआ है। पीड़िता की पहचान किशनपुर प्रखंड के थारबित्ता वार्ड संख्या 10 निवासी लड्डू लाल सदा की पत्नी रंजन कुमारी के रूप में हुई है। फिलहाल उनका इलाज सदर अस्पताल में जारी है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला वाहक जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दीपनारायण ने बताया कि रंजन कुमारी इस साल की दूसरी मरीज हैं जिनमें कालाजार की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि कालाजार पीड़ितों को सरकार की ओर से निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है, साथ ही प्रत्येक रोगी को 7100 रुपये की सहायता राशि भी दी जाती है। जरूरतमंद रोगियों को इंदिरा आवास योजना के तहत आवास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
डॉ. दीपनारायण ने बताया कि कालाजार एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जो बालू मक्खी (सैंडफ्लाई) के काटने से फैलती है। इससे बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने, सोते समय मच्छरदानी के प्रयोग करने एवं घरों में नियमित रूप से कीटनाशक छिड़काव कराने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को लगातार बुखार, शरीर में कमजोरी, तिल्ली या लीवर बढ़ने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तत्काल जांच कराना जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कालाजार की रोकथाम को लेकर जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। विभाग की अपील है कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें, ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके।
डॉ. दीपनारायण ने यह भी जानकारी दी कि कालाजार का मुफ्त इलाज सदर अस्पताल सुपौल एवं रेफरल अस्पताल राघोपुर में किया जा रहा है।
जनता से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें, लक्षणों को नजरअंदाज न करें और स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए बीमारी से बचाव सुनिश्चित करें।
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