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भारत–नेपाल सीमा पर पीलरों के रखरखाव की शुरुआत, सुपौल–सुनसरी के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय

 


सुपौल। भारत–नेपाल सीमा पर स्थित सभी बॉर्डर पीलरों को दुरुस्त और सुरक्षित करने की प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दी गई। इसके लिए सुपौल जिले और नेपाल के सुनसरी जिले के पदाधिकारियों की उपस्थिति में नो मैन्स लैंड पर एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक शैलेशपुर एसएसबी बीओपी से सटे नेपाल प्रभाग के भांटावारी वार्ड संख्या–08 में हुई।

बैठक में नेपाल के सुनसरी जिले के सीडीओ, एपीएफ अधिकारी, वीरपुर एसएसबी के कार्यवाहक कमांडेंट, वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार, एसडीपीओ, बसंतपुर सीओ एवं भीमनगर थानाध्यक्ष सहित दोनों देशों के कई अधिकारी उपस्थित थे।

लगभग एक घंटे चली इस बैठक में सीमा की पहचान करने वाले प्रत्येक बॉर्डर पीलर के रखरखाव, रंग–रोगन और सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान ही दोनों देशों के अधिकारियों ने मिलकर बॉर्डर पीलर संख्या 205/7 की रंगाई–पुताई की। पदाधिकारियों के आगे बढ़कर रंगाई शुरू करने के बाद अधीनस्थ कर्मियों ने भी क्रमवार इस कार्य को आगे बढ़ाया।

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने बताया कि इंडो–नेपाल सीमा पर स्थित सभी पीलरों का वार्षिक मेंटनेंस किया जाता है। उन्होंने कहा कि नेपाल प्रभाग द्वारा विषम संख्या (Odd Number) वाले पीलरों की सुरक्षा और रखरखाव किया जाता है।भारतीय प्रभाग में एसएसबी सम संख्या (Even Number) वाले पीलरों का संरक्षण करती है। एपीएफ की ओर से विषम संख्या वाले पीलरों की रिपेयरिंग और पेंटिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।एसडीएम ने कहा कि यह प्रक्रिया निर्धारित समय–समय पर एसएसबी और एपीएफ दोनों के द्वारा मिलकर की जाती है।

सुनसरी जिले के सीडीओ रामचंद्र तिवारी ने बताया कि सीमा पर स्थित सभी पीलरों का नियमित रखरखाव अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सुपौल–सुनसरी सीमा से जुड़े कुल 133 विषम संख्या वाले पीलरों को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।

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