- जिले के छातापुर बाजार में रविवार की सुबह खाद दुकानों पर उमड़ी किसानों की भीड़
- आवंटन की कमी से जूझ रहे निबंधित दुकानों से किसानों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा उर्वरक
| छातापुर बाजार में एसएच-91 को जाम कर प्रदर्शन करते किसान। |
सुपौल। आवंटन की कमी से जूझ रहे जिले में किसानों को यूरिया की भारी किल्लत से दो चार होना पड़ रहा है। रबी फसल को पटवन की दरकार है और पटवन के साथ उर्वरक डालने की प्रथा पुरानी है। ऐसे में समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पाने से किसानों में मायूसी का माहौल है। वहीं कई किसानों के खेतों की फसल पीले पड़ने लगे हैं। हालांकि इस कमाफत के बावजूद खाद की तस्करी करने वालों की बल्ले-बल्ले है जो हर रात खाद की तस्करी कर नेपाल के सीमावर्ती बाजारों तक पहुंचाकर मालामाल हो रहे हैं। ऊपर से आलम यह है कि विभाग की सारी बंदिशें निबंधित दुकानों तक आकर खत्म हो जाती है। जबकि कालाबाजारी करने वालों तक पहुंचने में विभाग की नाकामी जगजाहिर हो रही है। इसी का परिणाम है कि जहां कहीं भी यूरिया मिलने की बातें सामने आती है किसानों का हुजूम उमड़ पड़ता है और दुकानदार वितरण करने में खुद को असमर्थ पाता है। छातापुर बाजार में रविवार की सुबह किसानों की भीड़ उमड़ी और यूरिया नहीं मिलने से उकताकर एसएच-91 को तकरीबन एक घंटे तक जाम कर प्रदर्शन किया। किसानों का कहना था कि उनकी फसल को उर्वरक की भारी दरकार है और फसल पीली पड़ रही है। लेकिन एक-एक बोरी यूरिया के लिए उन्हें दुकान दर दुकान भटकना पड़ रहा है। जबकि जिस दुकानदार की दुकान के आगे सैंकड़ो किसानों का हुजूम उमड़ा था उन्हें महज 80 बैग यूरिया आवंटित होने की बातें सामने आई। जाम की सूचना पर छातापुर पुलिस मौके पर पहुंची और यूरिया आवंटित दुकानों को एक साथ वितरण करने की सलाह देते हुए किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया। हालांकि किसानों के सड़क जाम व प्रदर्शन के कारण एसएच-91 पर वाहनों की कतार लग गई और आम लोगों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

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