- 'संपर्क, संवाद और संघर्ष से समाधान' के सूत्र पर चलेगा अभियान
सुपौल। राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में सुपौल से 'पंच अभिशाप' मुक्ति अभियान का शुभारंभ 12 जनवरी, स्वामी विवेकानंद जयंती पर होने जा रहा है। 'युवा हल्ला बोल' आंदोलन ने बयान जारी करके सूचना दी है कि सुपौल के महावीर चौक स्थित पब्लिक लाइब्रेरी क्लब में अनुपम अपनी टीम को संबोधित करेंगे और आगामी योजना की भी घोषणा करेंगे। बता दें कि कोसी क्षेत्र में बढ़ता नशा, भीषण बेरोज़गारी, बद्तर शिक्षा एवं स्वास्थ्य, भूमि विवाद और बाढ़ आपदा को अनुपम ने कोसी के 'पंच अभिशाप' की संज्ञा दी है। उनका मानना है कि इन पांचों अभिशापों से मुक्ति के बाद ही नया कोसी का निर्माण संभव है। इन्हीं मुद्दों पर बीते 2 अक्टूबर को सुपौल के गाँधी मैदान में अनुपम ने महारैली की थी। महारैली में अनुपम को सुनने ऐतिहासिक भीड़ ने हिस्सा लिया था जहाँ से उन्होंने पंच-अभिशाप के खिलाफ हल्ला बोल किया। अनुपम की घोषणा के आलोक में आगामी 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद की जयंती जिसे पूरे देश में 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है, पर सुपौल के पब्लिक लाइब्रेरी क्लब से जन जागरूकता के लिए अभियान की शुरुआत होगी।
विदित हो कि सुपौल प्रखंड से शुभारंभ के बाद जिले के सभी प्रखंडों में पहले चरण में प्रखंड स्तरीय और फिर पंचायत स्तरीय बैठक और सभाएं करने की योजना है। 'युवा हल्ला बोल' आंदोलन के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम आगामी कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर लगातार विभिन्न प्रखंडों का दौरा कर रही है। सुपौल जिले के सभी प्रखंडों में पहले चरण की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। जनजागरण के लिए बैठकों सभाओं के अलावा सभी प्रखंडों में अभियान समिति के गठन की भी योजना है ताकि अभियान में हर गाँव से लोगों को जोड़ा जा सके।
अभियान के लक्ष्यों पर रोशनी डालते हुए गोविंद मिश्रा ने बताया कि अनुपम बीते कई महीनों से कोसी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आम जनता से सघन संवाद कर रहे हैं। कोसी महापंचायत बढ़ता नशा, भीषण बेरोजगारी, बदतर शिक्षा स्वास्थ्य, भूमि विवाद और बाढ़ आपदा के खिलाफ है। आज हमारे कोसी के छोटे छोटे बच्चे और युवा नौजवान नशाखोरी के शिकार हो गए हैं। तरह तरह के नशे की गिरफ्त में होने के कारण पुती एक पीढ़ी का भविष्य अंधकार में जा रहा है। बेरोजगारी का आलम यह है कि कोसी क्षेत्र को आज पूरे देश में हेय दृष्टिकोण से देखा जाता है। कोसी क्षेत्र की पहचान आज लेबर सप्लायर जोन के रूप में हो गयी है। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति ऐसी है कि कोई भी अपने बच्चे को बिहार में रहने देना नहीं चाहता।
कोसी के पंच-अभिशाप को तभी मिटाया जा सकता है जब हम सत्ता में बैठे लोगों को यह एहसास दिला दें कि आम आदमी अब जाति धर्म और पार्टी को लेकर नहीं बल्कि अपनी समस्याएं यानी पंच-अभिशाप को मिटाने के लिए एकजुट हो चुके हैं। देश भर के युवाओं में एक पहचान बना चुके आंदोलन के नेता अनुपम ने 2 अक्टूबर की रैली के समापन पर घोषणा की थी कि अब संपर्क, संवाद, संघर्ष से समाधान तक पहुंचेंगे। अब वक्त आ गया है कि हम कोसी के लोग अपने बच्चों के भविष्य के लिए और कोसी के प्रतिष्ठा के लिए संपर्क और संवाद के जरिए एकजुट हो कर संघर्ष करें। इसी संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए कोसी पंच अभिशाप मुक्ति अभियान की शुरुआत की गई है।
उन्होंने आगे कहा इस अभियान का स्पष्ट उद्देश्य है सत्ता की नजर में आम व्यक्ति की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करना, कोसी की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस करना। आज समाज को बचाने और बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए कोसी क्षेत्र में एक जनांदोलन की ज़रूरत है। इस अभियान में यह क्षमता है कि यह न सिर्फ कोसी क्षेत्र बल्कि प्रदेश और देश को तस्वीर बदल सकता है।

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