सुपौल। तटबंध के भीतर बसे मौजहा पंचायत के वार्ड नंबर 10 स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिसवा में मंगलवार को 10:00 तक स्कूल में कोई शिक्षक के नहीं पहुंचने को लेकर छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने एचएम के खिलाफ जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। आक्रोशित ग्रामीण एचएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने एचएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल में 06 शिक्षक पदस्थापित हैं। लेकिन हर दिन दो-तीन शिक्षक ही आते हैं। दो-तीन शिक्षक बराबर स्कूल से गायब रहते हैं। कहा कि मंगलवार को एक भी शिक्षक स्कूल आना मुनासिब नहीं समझा। ग्रामीणों का कहना था कि तटबंध के भीतर कोसी नदी के बीच में स्कूल रहने से कभी कोई भी अधिकारी स्कूल की जांच करना मुनासिब नहीं समझता है। लिहाजा स्कूल के एचएम अपनी मनमर्जी के हिसाब से स्कूल कि संचालित करते हैं। ग्रामीण राजेश मंडल, कैलाश मंडल, राजकुमार साह, जगन मंडल, विक्कू मंडल, चंदर मंडल, रामनरेश राम, लाल यादव, मो सब्बीर आलम आदि ने कहा कि एचएम की मनमानी के कारण मेन्यू के अनुसार स्कूल में कभी भी एमडीएम नहीं दिया जाता है। फल भी बच्चों को सड़ा हुआ दिया जाता है। इसके कारण छात्र बीमार पड़ सकते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल में विकास से संबंधित कोई काम नहीं कराया गया है। कहा कि एचएम की मनमानी के कारण स्कूल ना तो समय से खुलता है और ना ही स्कूल में समय से शिक्षक पहुंचते हैं। इसके कारण बच्चे स्कूल पहुंच कर शिक्षक के आने का इंतजार में बैठे रहते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी एचएम रमेश कुमार ने कहा कि नदी के बीच में स्कूल है। समय से नाव नहीं मिलने की वजह से स्कूल पहुंचने में देरी हो गया था।
किशनपुर : नाव नहीं मिलने से समय पर स्कूल नहीं पहुंचे प्रधानाध्यापक, बच्चों व अभिभावकों ने जताया विरोध
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