• छातापुर प्रखंड के एसएच-91 सहित ग्रामीण सड़कें बनीं हुई हैं खलिहान, सड़कों पर ही तैयार हो रहा फसल
सुपौल। इन दिनों छातापुर व आसपास के क्षेत्रों से गुजरी सड़कें खलिहान बनी हुई है। सड़क पर मक्का सुखाने से यातायात प्रभावित हो रहा है और जिम्मेदार मूकदर्शक बने हैं। एस एच-91 हो या फिर ग्रामीण सड़कें हर जगह वन वे का नजारा है। एस एच-91 पर तो एक दूसरे वाहन से साइड लेने में भी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में गाहे-बगाहे यदि मक्के की सूख रही फसल पर वाहनों का पहिया चढ़ गया तो मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खासकर सिंगल लेन सड़क को जब खलिहान का रूप दे दिया जाता है तो आवागमन की स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाती है। ऐसे में सक्षम प्राधिकार की चुप्पी समझ से परे होती है। एक तो ऐसे भी अतिक्रमण के कारण सड़कों के चौड़ीकरण का हाल बुरा है जहां जगह-जगह फ्लैंक तक की जगहों को घेर कर खुद की संपत्ति में मिला लिया गया है। बावजूद बीच सड़क पर फसलों को तैयार करने का सिलसिला साल दर साल परवान चढ़ता रहता है। वाहन चालकों की मानें तो सड़क पर मक्के की फसल को पसारकर सुखाने की वजह से जगह-जगह कई सड़क हादसे सामने आ चुके हैं और कई एक बाइक सवार असमय दुर्घटना का शिकार होकर असमय काल के गाल में समा चुके हैं।
कहावत है कि भूत की गतिविधियों से सीख लेकर भविष्य की रणनीति तैयार होती है। लेकिन जब पूर्व के हादसों पर आंख मूंद पुनः उक्त गतिविधियों पर रोक ना लगाई जाए तो इसे आमंत्रण देना ही माना जाएगा। सो इतने पर भी जब जिम्मेदार की तंद्रा भंग न हो तो इसे लापरवाही की हद ही कहा जाएगा। वाहन चालकों की मानें तो सड़क पर मक्का सुखाने वालों की दंबगई ऐसी होती है कि बीच सड़क पर लकड़ी के टुकड़े रख दिए जाते हैं जिस पर पहिया चढ़ते ही दुर्घटना तय है। अब ऐसे में उक्त रास्ते से जिम्मेदार भी सफरयाब होते हैं बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई सामने नहीं आती।

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