- मृत्युभोज छोड़ो अभियान को भरपूर मिल रहा है समर्थन
सुपौल। सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी ग्राम में लोरिक विचार मंच के तत्वावधान में शिक्षाविद व मंच के प्रदेश संरक्षक जगदीश प्रसाद यादव की 100 वर्षीय मां माया देवी के मृत्यु तत्पश्चात श्रद्धांजलि सभा एवं मृत्युभोज छोड़ो अभियान के पक्ष में समर्थन सभा का आयोजन किया गया। मौके पर अपना विचार व्यक्त करते हुए लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि सभी को खुशी में भोज और दुःख में शोक मनाना चाहिए। आज समाज में बड़े बदलाव की जरूरत है। इस बदलाव के लिए गरीब में हिम्मत नहीं है। मध्यम परिवार में फुर्सत का घोर अभाव है और अमीर को इसकी जरूरत नही है। जिसके कारण सामाजिक कुरीति और अनावश्यक रीति-रिवाज व कुव्यवस्था पर विराम नही लग पा रहा है।
कहा कि फिजूलखर्ची द्वारा धनी बनने का ढोंग कहीं से भी उचित नहीं है।अपने परिवार को खोने का दुःख और ऊपर से भारी-भरकम खर्च का कोई औचित्य नही है। इसका हिंदू धर्म ग्रंथ में उल्लेख नही है। डॉ. कुमार ने कहा कि मृत्यु भोज खाने वाला और खिलाने वाला महापाप के भागीदार होगें इसलिए मृत्युभोज से सभी को परहेज करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि जब खिलाने वाला एवं खाने वाला का मन प्रसन्न हो, तभी भोजन करना चाहिए। जब दोनों दुखित हो तो कदापि भोजन नही करना चाहिए। इसके जगह जनहित का कार्य करें।चर्चा करते हुए कहा कि अमीर परिवार मृत्युभोज के जगह गरीब के बेटी की शादी कराने की जिम्मेदारी लें। समाज के लिए एम्बुलेंस, सार्वजनिक पुस्तकालय, धर्मशाला, विवाह भवन, गांव के बच्चा को पढ़ाने के लिए स्कूल बस और स्वच्छ, सुंदर, खुशहाल समाज बनाने में महत्वपूर्ण बनाने में योगदान दें। गरीब के बेटा-बेटी को गोद लेकर उच्च शिक्षा दिलाने का कार्य करें। प्रकृति को बचाने में अपनी अहम योगदान दें। बीमारी से ग्रसित लोगों का समुचित ईलाज कराकर निरोग बनाने का कार्य करे। अमीर व्यक्ति गरीब के लिए खाद बनने का काम करें।
कहा कि जीवन बचाना सबसे बड़ा पुण्य का काम है। मध्यम और गरीब परिवार परिजन के स्मृति में पौधे लगाने का कार्य करें। इसी से भारत शिक्षित और विकसित राष्ट्र बनेगा। सभा में प्रदेश संरक्षक हृदय नारायण मुखिया,प्रो. अमरेन्द्र कुमार भाष्कर , प्रो. श्याम सुंदर यादव व जदयू नेता आलोक यादव ने कहा कि मृत्युभोज से समाज का हर तबका परेशान है। मृत्युभोज का मर्यादा पुरूषोत्तम राम, समाजवादी विचार धारा के पुरोधा डॉ. राम मनोहर लोहिया, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद सरस्वती, पंडित श्रीराम शर्मा, आनंद मार्ग के संस्थापक श्री-श्री आनंदमूर्ति आदि भी मृत्युभोज के खिलाफ थे। किसी को भी भोज के द्वारा परिजन के मौत का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।सभा में कुलदीप प्रसाद यादव, राजेन्द्र प्रसाद यादव, प्रदीप प्रकाश, अरूण यादव, देवेन्द्र प्रसाद यादव, गणेश यादव, मो॰ कलीम, जीवन यादव, आशुतोष यादव, संतोष कुमार, मनीष कुमार, नारायण चौधरी, महेन्द्र यादव, अवकाश प्राप्त सहायक अभियंता अरविंद कुमार, दीपक कुमार, दिगम्बर मुखिया, बद्री चौधरी, लाल मोहर यादव, प्रभास चन्द्र यादव, रामनारायण साह, इंद्रभाष यादव, त्रिवेणी कुमार, मुकेश कुमार यादव,शंभू यादव,गणेश यादव आदि उपस्थित थे।

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