- न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए एफआईआर के आदेश दिए, पुलिस महकमे की कार्यशैली पर उठे सवाल
सुपौल। जिले के वीरपुर थाना क्षेत्र से एक बेहद सनसनीखेज और शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल पर एक युवती ने छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने बताया कि अपने पिता को जेल से छुड़ाने के लिए जब वह थाने गई, तो थानाध्यक्ष ने पद और वर्दी का दुरुपयोग करते हुए उसके साथ आपत्तिजनक हरकतें कीं।
मामले में न्याय न मिलने से हताश पीड़िता ने सुपौल न्यायालय की शरण ली। वरीय अधिवक्ता संजय कुमार सिंह की पैरवी के बाद कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए महिला थाना सुपौल को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और जांच शुरू करने का आदेश दिया है।
इस मामले में केवल थानाध्यक्ष ही नहीं, बल्कि एक पंचायत के सरपंच पति को भी सह-आरोपी बनाया गया है। पीड़िता का कहना है कि वह कई दिनों से अधिकारियों से गुहार लगा रही थी, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। अंततः न्यायालय से उसे राहत मिली।
घटना सामने आने के बाद पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम जनता में आक्रोश है और लोग पुलिस पर से भरोसा उठने की बात करने लगे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था और पुलिस की जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है। अब देखने वाली बात होगी कि सुपौल पुलिस इस मामले की जांच कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ करती है, और क्या आरोपी पुलिस पदाधिकारी को न्याय के कटघरे तक लाया जाएगा।
यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करता है, बल्कि पीड़िताओं की न्यायिक पहुँच और सुरक्षा को लेकर भी गहन चिंता पैदा करता है।
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