Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

टीबी मुक्त भारत : निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी ग्रसित मरीजों को पोषाहार के लिए उपलब्ध कराई गई 250 फूड पैकेट्स

  • निक्षय मित्र द्वारा 250 टीबी ग्रसित मरीजों को वितरित किया गया फूड पैकेट्स
  • फूड पैकेट्स में उपलब्ध पौष्टिक आहार का उपयोग कर जल्द स्वस्थ हो सकते हैं टीबी मरीज : सीडीओ
  • टीबी रोगियों को गोद लेकर मदद करने में सहायक होते हैं निक्षय मित्र 





पूर्णिया। निक्षय मित्र योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य 2025 तक भारत को टीबी (तपेदिक) मुक्त बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देना है। यह योजना प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत कार्य करती है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति, गैर-सरकारी संगठन(एनजीओ), कॉर्पोरेट संस्थान, सहकारी समितियां, जनप्रतिनिधि या अन्य संस्थान द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को गोद लेते हुए टीबी मुक्त होने तक पोषण युक्त पदार्थ उपलब्ध कराने में निक्षय मित्र के रूप में सहयोग प्रदान कर सकती है। निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संगठन टीबी मरीजों को पोषण, अतिरिक्त निदान के रूप में डायग्नोस्टिक्स और व्यवसायिक सहायता (वोकेशनल सपोर्ट) प्रदान कर सकती है। यह सहायता निक्षय मित्र द्वारा न्यूनतम 06 माह से अधिकतम 03 साल तक चलाई जा सकती है जिसका उपयोग करते हुए टीबी ग्रसित मरीज स्वस्थ और सुरक्षित हो सकते हैं। बुधवार को जिला संचारी रोग नियंत्रण केंद्र, में निक्षय मित्र के सहयोग द्वारा जिले के टीबी ग्रसित मरीजों को 250 फूड पैकेट्स का वितरण किया गया।


फूड पैकेट्स में उपलब्ध पौष्टिक आहार का उपयोग कर जल्द स्वस्थ हो सकते हैं टीबी मरीज : सीडीओ 


जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि टीबी बीमारी होने से मरीजों को बहुत ज्यादा कमजोरी होती थी। स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक से जांच करवाने और दवाई और पौष्टिक आहार का नियमित रूप से दवा का सेवन करने से लोग टीबी बीमारी को खत्म कर सकते हैं। टीबी नियंत्रण केंद्र के अधिकारी एवं कर्मियों द्वारा मरीजों को पौष्टिक आहार खाने के लिए लगातार फूड पैकेट दिया जाता है। जिसको खाने के बाद मरीजों के जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की संभावना होती है। टीबी मरीजों को इसके लिए समय पर जांच और इलाज शुरू कराना आवश्यक है। इसीलिए लक्षण दिखते ही संबंधित मरीजों को जल्द से जल्द स्थानीय स्वास्थ्य संस्थानों या नज़दीकी सरकारी अस्पतालों में जांच करानी चाहिए। चिकित्सीय परामर्श के अनुसार दवा खाने की जरूरत होती है। ऐसा करने से लोग टीबी बीमारी से ठीक होकर अपना जीवन आसान बना सकते हैं। इसके लिए सभी प्रखंड के प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि संबंधित क्षेत्र में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान कर ग्रसित मरीजों को टीबी उपचार दवाइयों के साथ साथ निक्षय मित्र के सहयोग से आवश्यक पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जा सके जिससे ग्रसित मरीज जल्द टीबी से सुरक्षित हो सकें। 


मरीजों को पौष्टिक आहार प्रदान कर कोई भी बन सकते हैं निक्षय मित्र :


डीपीएस राजेश शर्मा ने बताया कि कुपोषण और टीबी का गहरा संबंध है। अच्छा पोषण मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जो टीबी ग्रसित मरीज को उपचार करने के आवश्यक मदद करता है। निक्षय मित्र द्वारा टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराई जा सकती है जिसका उपयोग कर टीबी ग्रसित मरीज जल्द स्वस्थ और टीबी मुक्त हो सकते हैं। निक्षय मित्र बनते हुए सहयोगी द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को खाद्य टोकरी या पौष्टिक आहार, इलाज के लिए अतिरिक्त सहायता जैसे दवाइयां या जांच का खर्च में सहयोग करना, मरीजों और उनके परिजनों को भावनात्मक और सामाजिक समर्थन देना और समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाना शामिल होता है। निक्षय मित्र बनने के लिए इच्छुक लोगों द्वारा निक्षय पोर्टल http://www.nikshay.in पर रेजिस्ट्रेशन करते हुए टीबी मरीजों को गोद लेकर ग्रसित मरीजों के टीबी मुक्त होने तक उन्हें सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। कोई भी व्यक्ति, संगठन, कॉर्पोरेट, जनप्रतिनिधि या सहकारी समिति द्वारा टीबी ग्रसित मरीजों को गोद लिए हुए निक्षय मित्र बनकर ग्रसित मरीजों को स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है। निक्षय मित्र द्वारा पोर्टल पर रेजिस्ट्रेशन करते हुए मरीजों की सहमति के बाद न्यूनतम 06 महीने की प्रतिबद्धता के साथ ग्रसित मरीजों को सहयोगी सहायता प्रदान किया जा सकता है जिससे टीबी ग्रसित मरीज आवश्यक सहायता प्राप्त करते हुए बहुत जल्द स्वस्थ और टीबी मुक्त हो सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं