सुपौल। जिले में मानसून की दस्तक के साथ ही बाढ़ की आशंका ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर कोसी नदी के जल स्तर में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। संभावित बाढ़ संकट को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है और राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारियां युद्धस्तर पर शुरू कर दी गई हैं।
सदर अंचल क्षेत्र में अंचलाधिकारी आनंद कुमार के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित पंचायतों में अनुश्रवण समितियों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा तथा स्थानीय समस्याओं की पहचान करना है। पंचायत प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्यों, आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों एवं आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, ताकि राहत कार्य जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बन सके।
सीओ आनंद कुमार ने कहा कि बाढ़ जैसी आपदा से निपटने में केवल सरकारी प्रयास काफी नहीं होते, इसके लिए समाज के हर वर्ग की भागीदारी ज़रूरी है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे बाढ़ संभावित परिवारों को जागरूक करें और प्रशासन को राहत कार्यों में सहयोग दें।
उन्होंने जानकारी दी कि सदर अंचल के 8 पंचायतों के 32 वार्डों की लगभग 36,000 की आबादी प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित होती है। कई गांवों में जलमार्ग ही एकमात्र आवागमन का साधन होता है, इसलिए नावों की उपलब्धता, राहत शिविरों की पहचान, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा एवं पशुचारे की योजना को प्राथमिकता दी जा रही है।
अभी तक 06 सरकारी नावों को विभिन्न घाटों पर तैनात किया जा चुका है, जबकि 81 नावों के नवीनीकरण की प्रक्रिया में अब तक 64 नावों का काम पूरा हो चुका है। इनमें से 36 नाविकों से एकरारनामा भी हो चुका है। शेष नावों का निरीक्षण एवं स्वीकृति प्रक्रिया जारी है।
प्रत्येक पंचायत में कम से कम दो स्थानों को राहत केंद्र के रूप में चिन्हित किया जा रहा है। इन केंद्रों में स्वच्छता, शौचालय, प्रकाश, पेयजल एवं स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित व्यवस्था की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि हर राहत शिविर में एक मेडिकल टीम तैनात की जाए।
बाढ़ के दौरान मवेशियों के लिए चारा और चिकित्सा की व्यवस्था भी प्रशासन की प्राथमिकताओं में है। इसके लिए पशुपालन विभाग के सहयोग से चारा गोदामों की पहचान कर वहां भूसा और चारा उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।
कोसी नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर बाढ़ निगरानी केंद्र को सक्रिय कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग प्रतिदिन जल स्तर की जानकारी साझा कर रहा है। आपदा प्रबंधन टीम अलर्ट मोड पर है और राहत सामग्री जैसे पॉलीथीन शीट, खाद्यान्न, क्लोरीन टैबलेट, प्राथमिक चिकित्सा किट आदि की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
जिला प्रशासन ने 24 घंटे कार्यरत जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित कर आम नागरिकों से किसी भी आपात स्थिति में तत्काल संपर्क करने की अपील की है।
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