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सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में “आरुण्य-2025” के दूसरे दिन छात्रों को मिला प्रेरणा और मार्गदर्शन


सुपौल। सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज में बी.टेक. सत्र 2025-29 के नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंडक्शन-कम-फाउंडेशन कार्यक्रम “आरुण्य-2025” के दूसरे दिन छात्रों को जीवन कौशल, नैतिकता और इंजीनियरिंग की सामाजिक भूमिका से जुड़े प्रेरणादायक विचारों से अवगत कराया गया। कॉलेज के सेमिनार हॉल में दिनभर चले इस कार्यक्रम में तीन विशिष्ट अतिथियों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम में प्रो. निर्मल कुमार, पूर्व प्राचार्य BCE भागलपुर ने अनुशासन, निरंतरता और सतत् सीखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सफल इंजीनियर बनने के लिए केवल तकनीकी दक्षता ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण और जिम्मेदारी का भाव भी जरूरी है। उन्होंने अपने अनुभव साझा कर छात्रों को करियर के प्रति गंभीर होने की सलाह दी।

वहीं पी. एस. ओझा, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व राज्य सलाहकार ने नैतिक नेतृत्व, युवा सशक्तिकरण और सामाजिक उत्तरदायित्व पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए छात्रों से नवाचार, ईमानदारी और राष्ट्र सेवा को जीवन का मूल आधार बनाने की अपील की।

प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी, प्राचार्य DCE दरभंगा ने छात्रों को चार वर्षों की शैक्षणिक यात्रा को जीवन निर्माण का स्वर्णिम काल बताते हुए संचार कौशल और आलोचनात्मक सोच विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में बहुआयामी दक्षता ही सफलता की कुंजी है।

इन संवादात्मक सत्रों को छात्रों ने बड़ी रुचि से सुना और वक्ताओं से प्रत्यक्ष संवाद कर प्रेरित हुए। विद्यार्थियों ने इन सत्रों को न केवल शिक्षाप्रद बल्कि आत्मचिंतन के लिए भी प्रेरक बताया।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संस्थान की शैक्षणिक नीतियों, आंतरिक संरचना, मार्गदर्शन तंत्र और अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं से भी परिचित कराया गया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ए. के. मिश्रा ने कहा कि सुपौल इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्देश्य केवल तकनीकी शिक्षा देना नहीं, बल्कि जिम्मेदार और दूरदर्शी नागरिक तैयार करना है। डीन अकादमिक ने कहा कि यह सत्र विद्यार्थियों में अपनापन और दिशा की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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